बैनर दिखाते हुए संसद परिसर में नारे लगाए गए , “पीएम सदन में आओ।” गृह मंत्री इस्तिफा दो (प्रधानमंत्री विधानसभा सत्र में शामिल हुए। गृह मंत्री इस्तीफा दें)।” इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष हालिया विधानसभा चुनावों में हार से नाराज है।
#ParliamentSecurityBreach: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हुए संसद सुरक्षा चूक मामले में अभी भी विरोधाभास ज़ारी है। ताज़ा रिपोर्ट्स के अनुसार, आज मंगलवार को लोकसभा को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। ऐसा इसलिए विपक्षी सांसदों ने अपने निलंबन को लेकर अपना विरोध जारी रखा हुआ है। इसके साथ ही संसद सुरक्षा उल्लंघन पर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बयान के लिए दबाव डाला जा रहा है।
बैनर दिखाते हुए संसद परिसर में नारे लगाए गए , “पीएम सदन में आओ।” गृह मंत्री इस्तिफा दो (प्रधानमंत्री विधानसभा सत्र में शामिल हुए। गृह मंत्री इस्तीफा दें)।” इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष हालिया विधानसभा चुनावों में हार से नाराज है।
लोकतंत्र की हत्या और संसद की मर्यादा को भंग करने के ख़िलाफ़, गाँधी प्रतिमा पर हमारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन। pic.twitter.com/CxkB2WI4Bo
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 19, 2023
प्रदर्शन कर रहे सांसदों की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोगों की किस्मत में रचनात्मक काम करना नहीं लिखा है और अगर वे अपनी हरकतें जारी रखेंगे तो मौजूदा संख्या में भी लोकसभा में नहीं लौटेंगे।
अब तक 92 सांसद निलंबित
सोमवार,18 दिसंबर को लोकसभा व राज्यसभा से कुल 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। बता दें,राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को सस्पेंड किया गया है।
द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, 14 दिसंबर को कुल 14 सांसदों (लोकसभा में 13 और राज्यसभा में एक) को निलंबित कर दिया गया था। इन्हें मिलाकर अब तक कुल 92 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है।
“मोदी-शाह ने सदन की गरिमा का किया है अपमान”
एएनआई को दिए अपने एक बयान में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा,”मोदी-शाह ने सदन की गरिमा का अपमान किया है। गंभीर सुरक्षा चूक के बावजूद वो संसद में आकर बयान नहीं देते। मुझे बहुत दुःख है कि इतिहास में पहली बार इतने सांसदों को सस्पेंड किया गया। ये लोकतंत्र की धज्जियाँ उड़ाने जैसा है, सदन की मर्यादा पर गहरी ठेस है।”
खड़गे ने X प्लेटफार्म पर लिखा,”लोकतंत्र की हत्या और संसद की मर्यादा को भंग करने के ख़िलाफ़, गाँधी प्रतिमा पर हमारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन।” प्रदर्शन में राहुल गांधी भी शामिल रहे।
मोदी-शाह ने सदन की गरिमा का अपमान किया है।
गंभीर सुरक्षा चूक के बावजूद वो संसद में आकर बयान नहीं देते।
मुझे बहुत दुःख है कि इतिहास में पहली बार इतने सांसदों को ससपेंड किया गया।
ये लोकतंत्र की धज्जियाँ उड़ाने जैसा है, सदन की मर्यादा पर गहरी ठेस है। pic.twitter.com/SK6Tt32MFh
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 19, 2023
निलंबन तक कैसे पहुंचा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,निलंबन तब हुआ जब 13 दिसंबर को संसद में सुरक्षा उल्लंघन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान के लिए विपक्षी सांसदों के आह्वान के बीच संसद के दोनों सदनों को बार-बार स्थगित करना पड़ा। जब जो दो व्यक्ति दोपहर में सार्वजनिक गैलरी से चैंबर में कूद गए और संसद में पीली गैस छोड़ दी।
लोकसभा से 33 सांसद निलंबित
रिपोर्ट्स के अनुसार, दोपहर में जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 30 विपक्षी सांसदों को “अनाचार” और “पूरी तरह से उपेक्षा” के लिए आसन से निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। वहीं तीन अन्य कांग्रेस सांसदों के निलंबन का मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया।
सोमवार को लोकसभा में जिन सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित किया गया, उनमें कल्याण बनर्जी (टीएमसी), ए राजा (डीएमके), दयानिधि मारन (डीएमके), अपरूपा पोद्दार (टीएमसी), प्रसून बनर्जी (टीएमसी) शामिल हैं। ई.टी. मोहम्मद बशीर (आईयूएमएल), जी. सेल्वम (डीएमके), सी.एन. अन्नादुरई (डीएमके), अधीर रंजन चौधरी (कांग्रेस), टी. सुमथी (डीएमके), के. नवस्कनी (आईयूएमएल), के. वीरास्वामी (डीएमके), एन.के. प्रेमचंद्रन (आरएसपी), सौगता रॉय (टीएमसी), शताब्दी रॉय (टीएमसी), असित कुमार मल (टीएमसी), कौशलेंद्र कुमार (जेडीयू), एंटो एंटनी (कांग्रेस), एस.एस. पलानीमणिक्कम (डीएमके), थिरुनावुक्कारासर (कांग्रेस), प्रतिमा मोंडल ( टीएमसी), काकोली घोष दस्तीदार (टीएमसी), के. मुरलीधरन (कांग्रेस), सुनील कुमार मंडल (टीएमसी), एस. रामलिंगम (डीएमके), के. सुरेश (कांग्रेस), अमर सिंह (कांग्रेस), राजमोहन उन्नीथन (कांग्रेस), गौरव गोगोई (कांग्रेस), टी.आर. बालू (डीएमके)।
इसके अलावा, कांग्रेस के तीन अन्य सांसदों – के. जयकुमार, अब्दुल खालिक और विजय वसंत – के निलंबन की अवधि विशेषाधिकार समिति द्वारा निर्धारित की जाएगी।
राज्यसभा से निलंबित 45 सांसद के नाम
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने विपक्ष के 34 सदस्यों को “अनाचार” और “लगातार नारे लगाने”, सदन के नियमों का उल्लंघन करने का प्रस्ताव पेश किया।
इन सदस्यों में प्रमोद तिवारी (कांग्रेस), जयराम रमेश (कांग्रेस), अमी याजनिक (कांग्रेस), नारणभाई (कांग्रेस), सैयद नासिर हुसैन (कांग्रेस), फूलो देवी नेतम (कांग्रेस), शक्ति सिंह गोहिल (कांग्रेस), के.सी. वेणुगोपाल (कांग्रेस), रजनी पाटिल (कांग्रेस), रंजीत रंजन (कांग्रेस), इमरान प्रतापगढ़ी (कांग्रेस), रणदीप सिंह सुरजेवाला (कांग्रेस), सुखेंदु शेखर रॉय (टीएमसी), मोहम्मद नदीमुल हक (टीएमसी), अबीर रंजन विश्वास (टीएमसी) , शांतनु सेन (टीएमसी), मौसम नूर (टीएमसी), प्रकाश चिक बड़ाईक (टीएमसी), समीरुल इस्लाम (टीएमसी), एम. शनमुगम (डीएमके), एन.आर. एलंगो, कनिमोझी एन.वी.एन. सोमू (डीएमके), आर. गिरिराजन (डीएमके), मनोज कुमार झा (आरजेडी), फैयाज अहमद (आरजेडी), वी. सिवादासन (सीपीआई-एम), रामनाथ ठाकुर (जेडीयू), अनिल प्रसाद हेगड़े (जेडीयू), वंदना चव्हाण (एनसीपी), राम गोपाल यादव (एसपी), जावेद अली खान (एसपी), महुआ माजी (जेएमएम), जोस के मणि (केरल कांग्रेस एम), अजीत कुमार भुइयां (निर्दलीय)।
इसके अलावा, ग्यारह अन्य सांसदों के निलंबन को उनके निलंबन की अवधि निर्धारित करने के लिए पियूष गोयल द्वारा विशेषाधिकार समिति को भेजा गया था।
इनमें जेबी माथेर हिशाम (कांग्रेस), एल. हनुमंतैया (कांग्रेस), नीरज डांगी (कांग्रेस), राजमणि पटेल (कांग्रेस), कुमार केतकर (कांग्रेस), जी.सी. शामिल हैं। चन्द्रशेखर, बिनॉय विश्वम (सीपीआई), संतोष कुमार (जेडीयू), जॉन ब्रिटास (सीपीआईएम), एम. मोहम्मद अब्दुल्ला (डीएमके), ए.ए. रहीम (सीपीआई-एम) को विशेषाधिकार समिति में भेजा जाए।
द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, जहां मोदी सरकार ने विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया है, वहीं भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्यवाही की जानी बाकी है, जिन्होंने पिछले हफ्ते संसद की सुरक्षा का उल्लंघन करने वालों को पास की सुविधा दी थी।
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