पन्ना ज़िले के अजयगढ़ तहसील के ग्रामीण इलाके में लोग पेड़ों में लगे मधुमक्खियों के छत्ते से शहद तोड़कर और उसे बेचकर अपनी आय बढ़ा रहे हैं। यहाँ मौजूद लोगों ने बताया कि शहद निकालने की प्रक्रिया बहुत मुश्किल होती है, लेकिन शुद्ध शहद का इस्तेमाल करने के लिए ये लोग मेहनत कर लेते हैं। शहद निकालने के लिए सबसे पहले ये लोग मधुमक्खी के छत्ते को तोड़ कर उसे जलाते हैं, और फिर उसके बाद उस छत्ते में से सारा रस निचोड़ लेते हैं।
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गाँव की महिलाओं ने बताया कि ये लोग शहद का इस्तेमाल दवाई बनाने में करती हैं और जब-जब बच्चों को खांसी-ज़ुकाम होता है तब-तब ये लोग उन्हें शहद खिलाते हैं। गाँव के कुछ परिवारों ने अब इसे अपना रोज़गार भी बना लिया है। एक किलो शहद की बाज़ार में 500-600 रूपए तक की कीमत लग जाती है।
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