मध्यप्रदेश के पन्ना में रहने वाली महिलाएं झाड़ू बनाने का काम कर रही हैं। महिलाओं का कहना है कि वह लोग 7 पीढ़ी गुजर गई तब से झाड़ू बनाने का काम कर रही हैं। झाड़ू बनाकर ही वह अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं।
इस खजूर के झाड़ू की खासियत यह है कि यह फूल झाड़ू से ज़्यादा फायदेमंद है और प्रयोग करने में भी सुविधाजनक है। छतरपुर में खजूर की झाड़ियां लगभग सभी जगह पर मिलती है। यह अधिकतर खुसक भूमि और अधिक ऊंचाई वाले जगहों में ज़्यादा मिलती है।
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खजूर के पत्तों को टहनी के साथ काट कर सूखने रख लिया जाता है। पत्तों के अच्छी तरह सूख जाने के बाद ,उनकी सफाई, फिनिशिंग करके अच्छा बना लेते हैं फिर सभी टहनियों को मुठ्ठी में इकठ्ठा करके उनको एक झाड़ू के रूप में बांध लेते हैं। सबकी पत्तियों की दिशा एक रखी जाती है। बांधने के लिए अच्छी डोरी और रंगीन टेप का इस्तेमाल करने से झाड़ू ज़्यादा आकर्षक लगती है।
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