गर्मी के आते ही वन क्षेत्रों में आग लगने का सिलसिला लगातार जारी है। ताज़ा मामला पन्ना जिले का है जहाँ पिछले दो दिनों से जंगल धूं-धूं करके जल रहा है। धीरे-धीरे यह आग भयानक रूप लेती जा रही है। हालाँकि आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड लगी है लेकिन आग पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है। पन्ना जिले को इमरती लकड़ी का खजाना कहा जाता है लेकिन इस भीषण आग ने काफी पेड़ों को जला कर राख कर दिया है।
न हो जाये बड़ा अग्निकांड, डरे हुए हैं लोग
पहाड़ों के आस-पास अह रहे लोग काफी चिंतित हैं। पन्ना जिले के ब्लॉक अजय गढ़ तहसील के रमेश का कहना है की एक तरफ हमें पेड़ लगाने के सन्देश दिए जा रहे हैं और दूसरी तरफ पन्ना जिले की बेशकीमती लकड़ी आग में जलकर नष्ट हो रही लेकिन प्रशासन कुछ नहीं कर पा रहा है। किसान राजाराम का कहना है कि उनका घर पहाड़ के बिल्कुल नीचे है और उनकी खेती भी। जिस प्रकार से पहाड़ में आग लगी हुई है उसे देख कर बहुत परेशानी और चिंता हो रही है कि कहीं यह आग उनके खेतों में ना लग जाए और उनकी सालों की मेहनत बर्बाद हो जाए। इस पहाड़ के नीचे करीबन 8 से 10 लोग रहते और खेती करते हैं।
बूंदा बाई ने हमें बताया कि यह जो आग लगी हुई है इसकी सूचना यहां पर मौजूद चौकीदारों को और जंगल के गार्ड को भी दी है लेकिन अभी तक कोई नहीं आया। उन्हें बहुत दर लग रहा है कि उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं कहाँ लेकर जायेगी। और अगर फसल जल गई तो वो तो बेमौत मर जायेगे। बूंदा बाई ने बताया की उनके पूर्वज 65 साल से उस जमीन पर कब्ज़ा करके रह रहे थे और खेती कर कर रहे हैं लेकिन उनके पास कोई कागज नहीं है। अगर आग उनके खेतों में लगेगी तो उन्हें मुआवज़ा भी नहीं मिलेगा
धवारी के बीट गार्ड रवि द्वारा बताया गया कि जैसे ही उन्हें चौकीदार के द्वारा सूचना मिली तो वह राजा राम, प्रतीक तिवारी एवं कर्मचारी सहित जंगल की आग को बुझाने का प्रयास किया औ सफलता मिली है। अब किसी को किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।
लेकिन अब सवाल उठता है कि आखिर आग लगी कैसी? एक व्यक्ति के द्वारा नाम न देने की शार्ट पर बताया गया कि कुछ आदिवासी लोग आते हैं और शहद तोड़ने के लिए जंगल में आग लगाते हैं। इतनी गर्मी और तेज हवा के कारन आग पूरे जंगल में फ़ैल जाती है और धीरे-धीरे भीषण आग का रूप ले लेती है। खबर लिखे जाने तक आग को काबू में पा लिया गया था।
यह लेख खबर लहरिया के लिए अनीता द्वारा रिपोर्ट और ललिता द्वारा लिखा गया है