गुजरात के साबरकांठा में 14 महीने की बच्ची के साथ बलात्कार के आरोप में पुलिस ने एक बिहार के रहने वाले शख्स को गिरफ्तार किया। जिसके बाद घटना के विरोध में लोग गुस्से में हैं और यूपी-बिहार के लोगों पर लगातार हमले हो रहे हैं।
यही नहीं, ठाकोर सेना के लोगों ने इस गांव के आसपास के गांव में रहने वाले लोगों को जान से मारने कि धमकी देते हुए तोड़फोड़ और आगजनी की वारदात को अंजाम दे दिया।
वहीं, लगातार हो रहे हमलों के कारण दूसरे राज्यों से आए ये लोग बड़ी तादाद में अपने परिवार के साथ गुजरात से पलायन कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर लोग साबरकांठा, महेसाना, अरवल्ली, गांधीनगर, सुरेन्द्रनगर इलाके से हैं।
पूरे गुजरात में गैरगुजरातियों पर हमले के अब तक 19 मामले दर्ज हो चुके हैं। जबकि 150 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस घटना से मेहसाणा और साबरकांठा सबसे अधिक प्रभावित हुए है। बड़ी तादाद में उत्तर भारतीयों के पलायन को देखते हुए सरकार ने पुलिस को उन इलाकों में कैंप लगाने को कहा है, जहां यूपी-बिहार के लोग ज्यादा संख्या में रहते हैं।
वहीं घटना के बाद पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे है। पुलिस लोगों को बार-बार भरोसा दिला रही है कि वे किसी से न डरें और पलायन न करें, लेकिन लोगों में डर कायम है और भय के चलते यूपी-बिहार के लोगों का घर लौटने का सिलसिला जारी है।
वहीं हमलों के बाद गैर-गुजरातियों के पलायन के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने कहा कि आने वाले त्योहारों के मद्देनजर वे अपने मूल राज्यों के लिए रवाना हो रहे हैं।
यूपी-बिहार जैसे गैर प्रांत के लोगों के ऊपर हमले के मामले में अब तक 42 मामले दर्ज हो चुके हैं। अब तक 342 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। महेसाणा, बनास कांथा, साबर कंथा, पाटन में सुरक्षा के मद्देनजर 17 एसआरपी की टीमें तैनात की गई है। यूपी-बिहार के लोग जिस जगह पर काम कर रहे है वहा पर पेट्रोलिंग(पुलिस गश्त) की जा रही है। गांवों मे जाकर पुलिस को बैठक करने के आदेश हैं। स्थानीय लोगो की मदद से राहत कार्य जारी।