खबर लहरिया Blog Pahalgam Terror Attack : मधुबनी में पीएम मोदी का आतंकी हमले को लेकर बयान, क्या इसके पीछे बिहार चुनाव है वजह?

Pahalgam Terror Attack : मधुबनी में पीएम मोदी का आतंकी हमले को लेकर बयान, क्या इसके पीछे बिहार चुनाव है वजह?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने कहा “मैं बिहार की मिट्टी से यह बात पूरी दुनिया को कहता हूं कि भारत सभी आतंकवादियों की पहचान करेगा, उनका पीछा करेगा उन्हें सजा देगा। हम उनका पृथ्वी के अंत तक पीछा करेंगे।”

मधुबनी में सभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर (फोटो साभार: द हिन्दू)

लेखन – सुचित्रा 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर में हुए पहलगाम आतंकी हमले पर आखिर अपनी चुपी तोड़ी। उन्होंने कल 24 अप्रैल 2025 को बिहार के मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के कार्यक्रम में सभा को सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी में कहा कि वह बिहार की धरती से पूरी दुनिया को कहना चाहते हैं कि भारत आंतकवादियों की पहचान करेगा उनको ट्रैक करेगा यानी उनका पता लगाएगा और उन्हें सजा देगा। इस पर सोशल मीडिया ने सवाल खड़े कर दिए है जिसे चुनावी हथकंडा बताया जा रहा है। इसकी वजह है मधुबनी चुनावी राज्य जहां इस साल के आखिरी महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं।

पहलगाम आतंकी हमले पर पीएम मोदी की पहली टिप्पणी

क्या इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी राजनीति नहीं है? क्योंकि उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले में 27 लोगों की मौत हुई थी जिसके बाद भारत सरकार ने कई बड़े फैसले और बैठक की। प्रधानमंत्री मोदी की बिहार के मधुबनी में यह पहली सार्वजनिक टिप्पणी थी। वीडियो में अंग्रेजी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि ” “Today, from the soil of Bihar, I say to the whole world, India will identify, track, and punish every terrorist and their backers,We will pursue them to the ends of the earth.” इसका हिंदी में मतलब हुआ कि “मैं बिहार की मिट्टी से यह बात पूरी दुनिया को कहता हूं कि भारत सभी आतंकवादियों की पहचान करेगा, उनका पीछा करेगा उन्हें सजा देगा। हम उनका पृथ्वी के अंत तक पीछा करेंगे।”

बिहार की धरती ही क्यों, भारत क्यों नहीं?

अकसर राजनीतिक पार्टियां आपदा में अवसर ढूंढ़ने का काम करती हैं। उनका मसकद लोगों के प्रति सांत्वना देना नहीं बल्कि उनके वोट के लिए आपदा का फायदा उठाना होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की धरती या मिट्टी कहकर क्यों नहीं यह बात कही क्योंकि कहीं न कहीं इसके पीछे बिहार में होने वाले विधानसभा का चुनाव है।

उन्होंने कहा “आंतकवादियों की बची कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़ कर रहेगी।”

कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के साथ हंसते हुए नज़र आए जिसकी आलोचना कई जगह हो रही है और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।

बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस भाषण की वजह से प्रधानमंत्री की पार्टी को बिहार के लोगों का समर्थन मिल सकता है। हो सकता है इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के मधुबनी को चुना जबकि 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कानपुर आगमन पर 11 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करना था। कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा तय थी लेकिन ऐन वक्त पर उनका दौरा रद्द कर दिया गया। वजह पूछने पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं मिला। मगर इतना ज़रूर सामने आया कि कानपुर के शुभम द्विवेदी भी उसी आतंकी हमले का शिकार हुए थे जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। ऐसे मौके पर यह अपेक्षा की जा रही थी कि प्रधानमंत्री कम से कम शुभम के घर जाकर उनके परिवार को सांत्वना देंगे। इसके बजाय प्रधानमंत्री उसी दिन बिहार के मधुबनी में चुनावी रैली को संबोधित करते नज़र आए. मंच से जोशीले भाषण दिए और तालियाँ बटोरीं। मंच पर ठहाके मारकर इस एहसास दिलाते रहे कि पहलगाम हमले को बिहार चुनाव से भुनाने की किस तरह की तैयारी चल रही है।

 

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