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मूछ नहीं तो कुछ नहीं

साभार: फ्लिक्कर

“अब बड़ी-बड़ी मूछों के साथ पुलिसकर्मियों के बढ़ेंगे ताव”। बताया जा रहा है कि पीएसी अधिकारियों ने प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) के जवानों को बड़ी मूछों के लिए पुरुस्कृत कने का फैसला लिया है।

न केवल एक बड़ी, गठीली मूंछ वाले लोगों को सम्मानित किया जाएगा, बल्कि 33 पीएसी बटालियन के जवानों को मूंछों के रख-रखाव के लिए 50 रुपये से 250 रुपये प्रति माह तक भी दिया जाएगा।

पीऐसी के अतिरिक्त महानिदेशक (ऐडीजी), बिनोद कुमार सिंह ने स्वीकार किया कि बड़ी मूंछ रखने के लिए पुलिस को प्रेरित करने का विचार उनकी हालिया कुंभ यात्रा के दौरान आया था। जब वह कुंभ की तैयारियों और पीएसी की तैनाती का जायजा लेने के लिए वहां गए थे तो उनकी मुलाकात कुछ ऐसे पीऐसी जवानों से हुई, जिनकी काफी बड़ी-बड़ी मूछें थी।

“घनी और बड़ी मूंछें एक पुलिस वाले के व्यक्तित्व को अच्छी तरह से दर्शाती हैं, हालांकि यह एक व्यक्तिगत पसंद भी है। मूंछें किसी के व्यक्तित्व को बढ़ावा देती हैं, विशेषकर एक पुलिसकर्मी की”, ऐसा ऐडीजी का कहना है।

उनका ये भी कहना है कि पुरानी परंपराओं को जीवित रखने के उद्देश्य से लोगों को उनकी मूछों के लिए पुरुस्कृत किया जाएगा।

इस फैसले पर कांस्टेबल जय प्रकाश ने बताया कि मूछें, पुलिसकर्मियों के गर्व को और भी ज्यादा बढाती हैं। ये ट्रेंड पहले पुलिस बल में काफी प्रचलित था पर अब कोई भी बड़ी मूछ नहीं रखना चाहता है।

हालांकि, एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने कहा कि कभी ऐसा भी समय था जब पुलिसकर्मी सभी के बीच बड़ी मूछें रखा करते थे और एक सख्त पुलिसकर्मी की छवि को दर्शाते थे।

यूपी पुलिस में काम कर रहे कांस्टेबल लखन पाल सिंह का कहना है कि बड़ी मूछों के साथ पुलिसकर्मियों को और भी ज्यादा मान्यता दी जाती है। सबके बीच उनकी पहचान अलग से दिखती है।

विशेष रूप से, 2017 में, मंगल प्रसाद पाल, राम खेलावन और शेषनाथ सिंह, 35 पीएसी बटालियन के सभी जवानों को अपनी बड़ी मूंछों को बनाए रखने के लिए प्रति माह 50 रुपये भी दिए गये थे।

बड़ी मूछों की प्रथा को फिर से बरक़रार रखने के लिए ये कोशिश की जा रही है।