मुख्य चिकित्सा अधिकारी से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 31 अक्टूबर से 1 नवंबर के बीच लखनऊ में डेंगू के 91 नए मामले सामने आए तो वहीं 1 नवंबर पहले हफ्ते में 400 से अधिक मामलों की पुष्टि की गई।
लेखन – सुचित्रा
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका विश्लेषण इंडियास्पेंड द्वारा की गई रिपोर्ट में मिलता है। रिपोर्ट में बताया गया कि इस साल 2024 में 2,100 से अधिक डेंगू के मामले दर्ज किए गए। जिसमें अक्टूबर में सिर्फ़ एक हफ़्ते में 400 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं। विशेषज्ञ इसका कारण जलवायु परिवर्तन, बदलते मौसम और शहरीकरण को मानते हैं। डेंगू का इस तरह से बढ़ना सच में चिंता का विषय है।
डेंगू की बीमारी एडीज (Aedes aegypti) नामक मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर साफ पानी में ही पैदा होते हैं और स्थिर पानी में जन्म लेते हैं। बढ़ती गंदगी, सड़कों पर पर पड़े समान जिसमें पानी इकठ्ठा हो सकता है डेंगू का बुलावा देना है। बारिश के बाद डेंगू के मामलों में तेजी देखी जाती है। डेंगू के आंकड़ों में इस तरह की तेजी सरकार पर भी सवाल खड़ा करती है कि आखिर सरकार जमीनी स्तर पर कितनी कोशिश कर रही है? डेंगू से बचने के लिए क्या सरकार दवाइयों का छिड़काव में भी तेजी ला रही है? ये डेंगू के आंकड़े सच में चौकाने वाले हैं। मौसम में बदलाव और मानसून का देरी से आना भी इसका एक कारण है।
इन वर्षों में दर्ज किए गए डेंगू के आंकड़े
इंडियास्पेंड की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य चिकित्सा अधिकारी से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 31 अक्टूबर से 1 नवंबर के बीच लखनऊ में डेंगू के 91 नए मामले सामने आए तो वहीं 1 नवंबर पहले हफ्ते में 400 से अधिक मामलों की पुष्टि की गई।
सितंबर 2024 में लखनऊ में डेंगू के 388 मामलों की पुष्टि हुई थी।
कोरोनाकाल साल 2021 में लखनऊ शहर में 4 नवंबर तक 1,104 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 95% सितंबर और नवंबर के बीच दर्ज किए गए थे।
– 2022 में लखनऊ में डेंगू के 1,677 मामले दर्ज किए गए।
– 2023 में शहर में डेंगू के 2,700 मामले सामने आए।
डेंगू के लक्ष्ण
बुखार आना यदि बुखार 104 डिग्री है और उतर नहीं रहा है तो ये डेंगू का संकेत है।
सिरदर्द
थकान
चेहरे का मुरझा जाना
पेट में दर्द
उल्टियां
हड्डी व मांसपेशियों में दर्द होना।
खून की कमी होना।
प्लेटलेट्स का तेजी से घटना।
डेंगू से कैसे बचें
चित्रकूट के ज़िले अस्पताल के मुख्य अधीक्षक डॉ. सुधीर शर्मा से जिन्होंने हमें बताया कि डेंगू से बचने के लिए क्या करना चाहिए।
- शरीर को हमेशा ढक कर रखें उदाहरण के लिए फुल पैंट और फुल बाजू की शर्ट पहनें, खासतौर से बारिश के मौसम में।
- मच्छर से बचने के लिए मच्छर भगाने वाली क्रीम्स का प्रयोग करें।
- घर से बाहर कम निकलें।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें। घर के अंदर और आसपास कहीं भी पानी इकठ्ठा न होने दें जैसे बारिश के समय गमलों में भरे पानी को निकल दीजिए, ऐसे ही कूलर के पानी को बदलते रहिए और इस्तेमाल न होने पर कूलर में पानी न
- रखें जिससे गमले में डेंगू के मच्छर पैदा न सके।
- सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
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यूपी के महोबा जिले में अक्टूबर महीने में डेंगू के मामले
यूपी में अक्टूबर 2024 की रिपोर्ट में महोबा जिले में डेंगू का प्रकोप बढ़ने का मामला भी सामने आया जिससे लोग बेहद चिंतित थे। खबर लहरिया की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग के कॉलोनी के सिक्योरिटी गार्ड नितेश कुमार सिंह बताते हैं, “मुझे पहले कोई समस्या नहीं थी और मैं अपनी ड्यूटी ठीक से कर रहा था। एक दिन अचानक मुझे तेज बुखार चढ़ गया और हाथ-पैरों में दर्द होने लगा। मैं तुरंत अस्पताल गया और चेकअप कराया तब मुझे पता चला कि मुझे डेंगू हो गया है।”
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छपियाना मोहल्ला निवासी गौरव सोनी ने जानकारी दी, “मेरे घर से चार लोग डेंगू से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से दो का इलाज चल रहा है और दो लोग ठीक हो चुके हैं। हम घर में सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं फिर भी डेंगू का फैलाव थमने का नाम नहीं ले रहा।”
डेंगू का इस तरह से तेजी से फैलना चिंताजनक है और इसका अधिक प्रभाव ग्रामीण स्तर पर पड़ता है। यह रिपोर्ट भले यूपी की राजधानी लखनऊ में बढ़ते मामलों को दर्शाती हो लेकिन यूपी के कुछ ऐसे गांव और जिले भी हैं जहां डेंगू के मामले हैं। सरकार भी डेंगू से बचने के लिए जागरुकता अभियान और प्रचार करती है लेकिन क्या वह नियमित तौर पर दवा का छिड़काव करती है? ऐसे तो ग्रामीण स्तर पर कई आशा वर्कर घर-घर जाकर डेंगू से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करती हैं लेकिन फिर भी डेंगू के मामलों में कमी नहीं देखी जाती है। शहर हो या गांव, स्वास्थ्य विभाग को नियमित दवा का छिड़काव और इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाना चाहिए।
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