खबर लहरिया जिला बांदा: जंगल होगा तभी जल मिलेगा

बांदा: जंगल होगा तभी जल मिलेगा

जंगल कटाई के कई नकारात्मक प्रभाव होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

पर्यावरणीय प्रभाव: जंगलों के कटने से जैव विविधता में कमी आती है, क्योंकि कई प्रजातियाँ अपने आवास खो देती हैं।

जलवायु परिवर्तन: पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं। जंगलों की कटाई से वायुमंडल में कार्बन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग में योगदान होता है।

मिट्टी का कटाव: पेड़ों की जड़ों के बिना, मिट्टी आसानी से कटाव का शिकार होती है, जिससे भूमि की उर्वरता कम हो जाती है।

जल स्रोतों पर प्रभाव: जंगलों की अनुपस्थिति से जल चक्र प्रभावित होता है, जिससे नदियाँ और जलाशय सूख सकते हैं।

 

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