2021-22 में सिर्फ 38,850 लोगों को नौकरियां दी गयीं जबकि नौकरी के लिए आवेदन करने वालों की संख्या 1 करोड़ 86 लाख से भी ज़्यादा थी।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार, 27 जुलाई 2022 को लोकसभा में बताया कि 2014 से 2022 तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में 7 लाख 22 हज़ार 311 आवेदकों को सरकारी नौकरी दी गई है। वहीं आवेदन करने वालों की संख्या 22,05,99,238 थी। इसके साथ ही 2021-22 में सिर्फ 38,850 लोगों को नौकरियां दी गयीं जबकि नौकरी के लिए आवेदन करने वालों की संख्या 1 करोड़ 86 लाख से भी ज़्यादा थी। इस बयान के बाद जो सबसे बड़ा सवाल आया वह यह था कि पीएम नरेंद्र मोदी ने केंद्र की सत्ता में आने पर हर साल 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था। वहीं कार्मिक राज्य मंत्री द्वारा आवेदन पत्रों की संख्या और दिए गए नौकरी के आंकड़े प्रधानमंत्री के वादे पर एक प्रश्न चिन्ह लगाने का काम कर रहें हैं।
ये भी देखें – दिल्ली में पाया गया मंकीपॉक्स का चौथा मामला, WHO ने ‘वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल’ की करी घोषणा
इन सालों में मिली इतनी नौकरियां
– साल 2014-15 में दी गई नौकरियों संख्या- 1,30,423
– साल 2015-16 में दी गई नौकरियों संख्या- 1,11,807
– साल 2016-17 में दी गई नौकरियों संख्या- 1,01,333
– साल 2017-18 में दी गई नौकरियों संख्या- 76,147
– साल 2018-19 में दी गई नौकरियों संख्या- 38,100,
– साल 2019-20 में दी गई नौकरियों संख्या- 1,47,096
– साल 2020-21 में दी गई नौकरियों संख्या- 78,555
– साल 2021-22 में दी गई नौकरियों संख्या- 38,850
केंद्र सरकार ने बताया कि भर्ती एजेंसियों की तरफ़ से 2018-19 में सबसे कम 38,100 नौकरियां दी गईं। जबकि हैरानी की बात यह रही कि इस साल सबसे ज़्यादा 5.09 करोड़ लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया था।
1 मार्च 2022 तक लगभग 10 लाख पद थे खाली
फाइनेंसियल एक्सप्रेस की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, जितेंद्र सिंह ने 20 जुलाई 2022 को लोकसभा में दिए एक लिखित जवाब में बताया था कि केंद्र सरकार के कई विभागों में 1 मार्च 2022 तक 9 लाख 79 हजार पद खाली थे। इसके साथ ही पीएम मोदी ने पिछले महीने जून 2022 में साल 2024 से पहले 10 लाख लोगों को अलग-अलग सरकारी विभागों में नौकरी पर रखने की बात कही थी।
आगे कहा कि केंद्र सरकारी में भर्ती की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। इसके लिए संबंधित मंत्रालय और विभाग जिम्मेदार होते हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के रिटायरमेंट, प्रमोशन, इस्तीफ़े और निधन जैसे कारणों से सरकारी विभागों में लगातार पद खाली होते रहते हैं।
ये भी देखें – रामपुर : अग्निवीर की हड़ताल पर नाराज़गी जता रहे यहाँ के युवा
PLI योजना में है रोज़गार देने की क्षमता
जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में लिखित रूप में बताया कि भारत सरकार ने देश में रोज़गार पैदा करने के लिए कई कदम उठाए हैं। वह कहते हैं कि 2021-22 बजट में शुरू की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाओं में 60 लाख नए रोज़गार पैदा करने की क्षमता है। उन्होंने कहा, “इस बजट में 1.97 लाख करोड़ रुपए के आउटले (खर्च) के साथ 2021-22 से पांच वर्षों की अवधि के लिए यह योजनाएं शुरू की गई हैं।”
अंत में जो एक निष्कर्ष देखा जा रहा है वह यह है कि पिछले 8 सालों में नौकरी देने के कार्य में कटौती देखी गयी है। हर साल 2 करोड़ लोगों को नौकरी देने की बात कही गयी थी जिसका आंकड़ा इसके आस-पास भी नहीं है। ऐसे में अब केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह कहते हैं कि PLI योजनाओं से रोज़गार की क्षमता बढ़ेगी, तो यह लोगों के लिए अभी भी एक प्रश्न चिन्ह ही है क्योंकि बीते सालों में भी लोगों को नौकरियां देने की बात कही गयी थी जो की अधिकतर लोगों को मिली ही नहीं।
ये भी देखें – बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे : उद्घाटन के कुछ दिनों बाद ही आई सड़कों में दरार, पीएम ने बताया था विकास का रास्ता
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’