केंद्र सरकार ने प्याज को अब रियायती दर पर बेचना शुरू किया है। एक दर्जन से अधिक शहरों में प्याज 25 रूपये प्रति किलो ग्राम के हिसाब से मिलेंगे।
#OnionPrice: प्याज अब एक दर्जन से अधिक शहरों में 25 रुपये प्रति किलो ग्राम के हिसाब से मिलेंगे। केंद्र सरकार ने प्याज को अब रियायती दर पर बेचना शुरू किया है। हिंदुस्तान टाइम्स की 2 नवंबर की रिपोर्ट के अनुसार, मामले की जानकारी रखने वाले एक शीर्ष अधिकारी ने इस बारे में बताया। पर सवाल यह है कि जो उन एक दर्जन शहरों में नहीं आते उनका क्या? वहां तो प्याज अब भी दुगनी कीमत पर बिक रहे हैं। कहीं 100 रुपये प्रति किलो तो कहीं 150 रुपये प्रति किलो, ऐसे में आम व्यक्ति प्याज कैसे खरीदे?
बता दें, प्याज की कीमतें पिछले एक हफ्ते में दुगनी हो गई हैं। जहां प्याज 30 से 40 रुपये किलो तक बिक रहे थे, अब वही प्याज 80 रुपये प्रति किलो बिकने लगे। मंडी से लेकर बाज़ार तक, गांव से लेकर शहर तक प्याज की बढ़ी हुई कीमत लोगों को रुला रही है।
डेक्कन क्रॉनिकल की 31 अक्टूबर की रिपोर्ट में रेगुलर प्याज की कीमत 75 रुपये प्रति किलो ग्राम, वहीं सफेद प्याज की कीमत 100 रुपये प्रति किलो ग्राम और सांभर प्याज की कीमत 125 रूपये प्रति किलो ग्राम बताई गई।
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क्यों बढ़ी प्याज की कीमतें?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट बताती है, ग्रीष्मकालीन फसल की कटाई में देरी की वजह से कम आपूर्ति के कारण पिछले छह महीनों में दूसरी बार आमतौर पर उपभोग की जाने वाली सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इससे सरकार को न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) 800 डॉलर प्रति टन लगाना पड़ा है। एमईपी एक मूल्य सीमा है जिसके नीचे निर्यातक वैश्विक खरीदारों को नहीं बेच सकते हैं। यह विदेशी शिपमेंट को सीमित करने का एक उपाय है।
प्याज की बढ़ी कीमत का लोगों पर असर
प्याज की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर यूपी के वाराणसी जिले के लोगों से हमने बात की। ठेला लगाने वाले संतोष बताते हैं, पहले उन्हें पहाड़ियां मंडी से प्याज मिल जाता था लेकिन अब नहीं मिल रहा। पहले वह दो से चार बोरी प्याज उठा लेते थे लेकिन अब एक ही बोरी उठा रहे हैं और वह भी पूरी तरह से नहीं बिक रहा है। प्याज मंडी में ही नहीं आ रहा।
गरीब परिवार जो 100 रुपये ही कमाने वाले हैं उन्होंने तो प्याज लेने ही छोड़ दिया है।
बता दें, इस समय छतरपुर में प्याज 80 रूपये किलो, नरैनी-पन्ना में 60 रूपये किलो बिक रहे हैं।
कुछ महीनों पहले टमाटर की कीमत में तीन गुना बढ़ोतरी देखने को मिली जहां टमाटर की कीमत 300 रुपये किलो पहुंच गई थी। दिन-प्रतिदिन में इस्तेमाल होने वाली सब्ज़ियों के तिगुने दाम सबसे ज़्यादा आम जनता पर असर डालते हैं।
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