बिहार-अधिकारी द्वारा होमगार्ड जवान से बीच सड़क उठक-बैठक कराने का मामला : अरे! कहां जा रहे हो?..सुनिए… ज़रा बताइए तो ऐसा क्या जरूरी काम है? जिसके लिए घर से बाहर निकले हो.. आपको नहीं पता है कि यूं ही बेवजह घूमना मना है। ऐसे कई सारे सवाल आपको इस लॉकडाउन में चप्पे-चप्पे पर हमारी सेवा में तैनात पुलिस के मुख़ारबिन्दो से सुनने को मिल जायेंगे। या फिर गाड़ी का कागज दिखाओ वगैरा, वगैरा। क्योंकि पुलिस का काम है और उसका पालन उन्हें करना है। लॉकडाउन में ऐसा आलम है की लोग घर से निकल नहीं पा रहे और जो निकल रहे हैं उनसे कड़ी पूछताछ के के बाद ही जाने दिया जा रहा है।
बिना किसी अतिआवश्यक कार्य से वाहन लेकर या पैदल सड़कों पर निकलनेवालों की खैर नहीं। ड्यूटी बजानेवाली पुलिस लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस डंडे बरसा रही है। उनसे उठक-बैठक करा रही है। सड़क पर ही युवकों को मुर्गा भी बना दे रही है। वाहन को जब्त कर जुर्माना लगाया जा रहा है। लेकिन, ऐसी कार्रवाई करने से पहले पुलिस उन्हें रोककर उनसे घर से बाहर निकलने का कारण पूछ रही है। दवा लेने आने का बहाना बनाने वालों से पर्ची मांग रही है। सब्जी, दूध, किराना सामग्री लेने आने की बात कहनेवालों के घर फोन कर पुष्टि कर रही है। उनकी बातें झूठी साबित होने के बाद पुलिस उन्हें दंडित कर रही है।
लॉकडाउन के दौरान अभी तक जहां पुलिस के लाठी फटकारने के मामले सामने आ रहे थे। लेकिन बिहार के अररिया से एक मामला सामने आया है। एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें होमगार्ड का एक सिपाही किसी अधिकारी के सामने कान पकड़ कर उठक बैठक कर रहा है। बताया जा रहा है कि उसने नियम का पालन करते हुए कृषि पदाधिकारी की गाड़ी को चेकिंग के लिए रोका था।
ऐसा बताया जा रहा है कि अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार इसी इलाके से हो कर गुजर रहे थे। इसी दौरान सिपाही गोनू तात्मा ने उनकी गाड़ी को लॉकडाउन के मद्देनजर रुटीन चेकिंग के लिए रोक दिया। दरअसल वो कृषि पदाधिकारी को पहचानता नहीं था।नियम के अनुसार लॉकडाउन का पालन कराने के लिए इस जवान को शाबासी मिलनी चाहिए थी। लेकिन कृषि पदाधिकारी को अपने पद के सामने ये सबकुछ अच्छा नहीं लगा और उन्होंने बीच सड़क पर होमगार्ड जवान से कान पकड़ कर उठक बैठक करा दी। समाचार पत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में अररिया SDPO पुष्कर कुमार ने कहा कि सिपाही इतना सीधा था कि खुद ही उठक-बैठक करने लगा और माफी मांगनी शुरू कर दी।
एक तरफ बिहार के डीजीपी राज्य के अलग-अलग हिस्सों में पुलिस के जवानों को फोन कर उनका हौसला बढ़ा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ एक अलग ही तस्वीर देखने को मिल रही है। कृषि अधिकारी के इस रवैये से लोग सोशल मीडिया पर काफी अवहेलना कर रहे हैं