देश में लगातार कोरोनावायरस-ओमीक्रॉन के मामले बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही चुनाव और उसकी जनसभाओं में भी तेज़ी देखी जा रही है।
ओमीक्रॉन अब कोरोना से भी ज़्यादा घातक और गंभीर बीमारी के रूप में पूरे देश में बेहद तेज़ी से फ़ैल रहा है। 5 जनवरी की सुबह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ज़ारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक ही हफ़्ते में औसत दैनिक मामलों की बढ़ोतरी 285 फीसदी से भी ज़्यादा हुई है। देश में यह बीमारी जैसे-जैसे पैर पसार रही है, वैसे-वैसे खुद को ज़िम्मेदार नेता कहे जाने वाले लोग लापरवाही या ये कहें मामलों को बढ़ाने में अपना पूरा योगदान देते नज़र आ रहे हैं। यूपी में विधानसभा 2022 का चुनाव नज़दीक है। ऐसे में कांग्रेस हो या बीजेपी, हर पार्टी अपने दलों के साथ जनसभाएं करती हुई नज़र आ रही हैं। जहां कई राज्यों में बढ़ते मामलों को देखते हुए कर्फ़्यू और पाबंधियाँ लगाई जा रही है। वहीं पार्टियां लाखों की भीड़ इकठ्ठा कर लोगों से वोट मांगती नज़र आ रही हैं। जानकारी के अनुसार, 9 जनवरी को बीजेपी लखनऊ में बड़ी रैली करने की तैयारी में हैं। इस रैली को पीएम मोदी संबोधित करेंगे।
कहने को तो अभी कांग्रेस ने कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए दो हफ़्तों तक यूपी में कोई भी रैली करने पर रोक लगा दी है। वहीं पिछले दिनों कांग्रेस द्वारा यूपी के बरेली में आयोजित “लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ” कैंपेन में देखा गया कि वहां हज़ारों की संख्या में छात्राएं इकठ्ठा हुई थीं। कैंपेन के दौड़ान काफी भगदड़ भी देखने को मिली। कोरोना के नियम कहीं भी पूरे होते हुए नहीं देखे गए। वहीं बीजेपी द्वारा यूपी में आयोजित जन सभा के दौरान भी लाखों की भीड़ देखने को मिली। ऐसे में जहां देश कोरोना बीमारी की ग्रस्त हैं, वहां नाम के कहे जाने वाले नेताओं के लिए लोगों की जान से ज़्यादा चुनाव और जन सभाओं का महत्व देखा जा रहा है।
यूँ तो बीमारी के फैलाव को कम करने के लिए लोगों के साथ कड़ी पाबंधी की जा रही है लेकिन नेताओं को इस मामले में अलग ही लक्ज़री मिली हुई है। उनकी जन सभाओं से बीमारी नहीं फैलती पर हाँ, अन्य लोग जो कोरोना नियमों का पालन कर रहे हैं उन्हें मामलों के बढ़ने का दोष ज़रूर से दिया जा रहा है। जो नेता उन्हें रैलियों में आने को निमंत्रण दे रहे हैं, उनमें उनकी कोई गलती नहीं है क्यों? थोड़ी-थोड़ी लापरवाही और गैर-ज़िम्मेदाराना हरकत की वजह से अब देश एक बार फिर कोरोना बीमारी की जकड़ में आ चुका है। पढ़िए, क्या है कोरोना की देश में स्थिति।
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24 घंटे में कोरोना मामलो ने रिकॉर्ड तोड़ा
पिछले 24 घंटे में 55.4 फीसदी उछाल के साथ कोविड-19 के 58,097 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या 35,018,358 पहुंच गई है। सक्रिय मरीजों की संख्या भी 2 लाख पार कर चुकी है। पूरे देश में अभी एक्टिव मामलों की कुल संख्या 214,004 है। वहीं, एक दिन में 15,389 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं। अब तक कुल 34,321,803 लोग कोरोना बीमारी से ठीक चुके हैं। देश में रिकवरी रेट अभी 98.01 फीसदी है।
भारत में बढ़ी ओमिक्रॉन मामलों की संख्या
भारत में ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या दो हज़ार की संख्या पार हो चुकी है। अब तक ओमिक्रॉन के कुल 2,135 मामले दर्ज किए गए हैं। ये सभी मामले 24 राज्यों से सामने आए हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा 653 और दिल्ली में 464 मामले हैं। हालांकि, इनमें से 828 ओमिक्रॉन के मरीज ठीक भी हो चुके हैं।
वहीं यूपी की बात की जाए तो, मंगलवार 4 जनवरी तक राज्य में कोरोना के 992 मामलें दर्ज़ किये गए हैं। वहीं ओमीक्रॉन के 23 केस भी सामने आये हैं। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गयी है।
एक हफ्ते में कोरोना मामले में सबसे बड़ा अंतर हुआ दर्ज़
23 से 29 दिसंबर के बीच सात दिन में कुल मिलाकर 56,722 केस दर्ज हुए थे और दैनिक औसत 8,103 रहा था, जबकि अगले सात दिन, यानी 30 दिसंबर से 5 जनवरी के बीच कुल 2,18,667 कोविड केस सामने आए हैं जिनका दैनिक औसत 31,238 हो गया है जो 285 प्रतिशत ज़्यादा है।
ओमीक्रॉन के लक्षण
अगर ओमीक्रॉन के लक्षणों की बात की जाए तो इसमें व्यक्ति के ऊपर सांस लेने वाली नली में परेशानी आती है। व्यक्ति को खांसी, सर्दी, थकान और कभी-कभी बुखार रहता है। अगर किसी भी व्यक्ति में ऐसे कुछ लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्हें अपनी जांच ज़रूर से करवाना चाहिए। इसके साथ ही अगर उन्हें पूर्व में अगर कोई बीमारी रही है तो उसका भी बताना ज़रूरी है।
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