खबर लहरिया Blog गोवंश आश्रय स्थल में किया जा रहा पुरानी ईंटो का प्रयोग

गोवंश आश्रय स्थल में किया जा रहा पुरानी ईंटो का प्रयोग

उत्तरप्रदेश सरकार ने गौरक्षा के लिए जगह जगह गोवंश आश्रय निर्माण कार्य करवाने के लिए योजना निकाली है और अनुदान भी दिया जाता है लेकिन फिर भी आज सड़को पर घूम रही है गाय साथ किसानो के फसलों को भी नस्ट कर रही है किसान अपनी फसल कि रखवाली करने के लिए खेतो में रात-रात भर जागते हैं और देख भाल करते है, लेकिन अन्ना जानवरों से राहत नहीं है आये दिन सड़को में अन्ना जानवरों का एक्सीडेंट हो रहा है सरकार के योजना के तहत जहां गौशाला बना भी है तो उसमे गाय के खाने की व्यवस्था नहीं होने के कारन गाये की स्थिति का बुरा हाल है|

वाराणसी जिले के गाँव छाँही में बन रहे गोवंश आश्रय स्थल, इसमें पुरानें ईंटो का प्रयोग किये जाने का मामला  सामने आया है 10 फरवरी 2020 को जब मौके पर देखा गया तो, मजदूर गोवंश आश्रय स्थल मे पुरानें ईंटो को ही लगा रहे है, मौके पर मौजूद लोगों से बात किया गया तो जानकारी मिली की सरकारी काम ऐसे ही होता है हमे जो बोला गया है वो ही लगा कर बना रहे है|

इस सम्बंध मे जब ग्राम पंचायत सचिव अशोक पाल से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि छांहीं गोवंश आश्रय स्थल का कार्य प्रगति पर है  जब एम.बी. होगा तो देखा जायेगा और साथ ही ये भी पूछा गया की गोवंश आश्रय स्थल के निर्माण के लिए पुरानी ईंटे कहां से आ रही है तो उनका कहना था कि ग्रामप्रधान का मकान टूट रहा है उन्हीं ईंटों का प्रयोग गोवंश आश्रय स्थल के बनाने मे प्रयोग किया जा रहा है।  

जब की  छाँहीं गाँव मे गोवंश आश्रय स्थल बनाने का काम सबसे पहले शुरू हुआ लेकिन लगभग 6 माह बीत जाने के बाद भी आज तक इस गोवंश आश्रय स्थल का काम पूरा नहीं हो सका। जिससे एक तरफ किसान अपने फसल को लेकर परेशान हैं तो दुसरी ओर गोवंश स्थल निर्माण में इतना खराब ईट का प्रयोग हो रहा है| पुराने ईटे से बने  गोवंश आश्रय कितने दिन का टिकाऊ रहे पायेगा क्या क्वालटी होगी ये एक सोचने का विषय है| 

गौशाला स्थल के फर्श मे लगाये जा रहे पुराने ईंटों कि किसी भी अधिकारी ने मौके पर जाकर निरीक्षण करना  जरुरी नहीं समझा इस सम्बंध मे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बीडीओ चिरईगांव विक्रमादित्य सिंह मलिक का कहना है कि गोवंश आश्रय स्थल की फर्श मे लगायी जा रही पुरानी ईंटों का भुगतान नही होने देंगे।उन्होंने कहा कि छांही गौशाला  स्थल के लिए  बने इस्टीमेट मे फर्श बनाने का कोई प्रावधान नहीं है।प्रावधान न होने के बावजूद फर्श का निर्माण आखिर क्यों किया जा रहा है?इस पर उनका कहना था कि फर्श बनने दीजिए मै भुगतान नहीं होने दूँगा।

वहीं इस सम्बंध मे मोकलपुर के ग्राम प्रधान अनमोल सिंह का कहना है कि हमारे गाँव मे बन रहे गौशाला स्थल के इस्टीमेट मे  गावंशों के लिए फर्श बनाने का प्रावधान किया गया है और पक्की फर्श बनायी भी गई है।

 

-रजनी प्रसाद