हमने हाल ही में देखा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आयी वैक्सीन को लगवाने में ग्रामीण इलाके के लोग काफी आनाकानी कर रहे थे। वैक्सीन को लेकर कई तरह की अफवाहें भी आ रही थीं कि इसको लगवाने से बुखारा आता है, लोगों की मृत्यु हो जाती है आदि। लेकिन लोगों को जागरूक करने और वैक्सीनेशन के काम को बखूबी निभाने में स्वास्थ्य विभाग ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। आशा कार्यकर्ता और ए एन एम भी गाँव-गाँव जाकर लोगों को टीका लगवाने के लिए खूब जागरूक कर रही थीं। परन्तु कई बार इसके नतीजे सही नहीं निकले। कई जगहों पर आशा और ए एन एम के साथ ग्रामीणों ने बुरा व्यवहार कर उन्हें वहां से भगा दिया।
लेकिन अब ऐसी स्थितियों में काफी सुधार आया है। हमने वाराणसी और चित्रकूट की कुछ आशा कार्यकर्ता और ए एन एम से बात की। उनका कहना है कि अब गाँव के लोग वैक्सीन को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं और खुद टीका लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं। लेकिन एक-दो महीने पहले तक ऐसा नहीं था। इन लोगों का कहना है कि इनकी सम्पूर्ण मेहनत का ही ये नतीजा है कि आज ग्रामीण वैक्सीन को लेकर इतने जागरूक हो चुके हैं।
चित्रकूट ज़िले के जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ मुकेश पहाड़ी ने भी हमें बताया कि अब गावों में लोग एक दूसरे को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जिसमें से युवा वर्ग सबसे ज़्यादा टीका लगवाने के लिए आगे आ रहा है। और उनको ही देखकर 45 वर्ष से अधिक आयु के लोग भी टीका लगवा रहे हैं।
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