उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 जनवरी को यूपी के स्थापना दिवस के अवसर पर, सिविल सर्विसेज की पढाई कर रहे छात्रों को एक बड़ा उपहार दिया है। सी.एम योगी ने एक नयी योजना, ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना‘ का प्रक्षेपण किया है। जिसके तहत उत्तर प्रदेश के छात्रों को निशुल्क प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का मौका मिलेगा।
क्या है अभ्युदय योजना-
सी. एम योगी ने 24 जनवरी 2021 को इस योजनना का प्रस्ताव रखा था जिसमें उन्होंने बताया कि यह योजना उन गरीब छात्र–छात्राओं के काम आएगी जो सिविल सर्विसेज जैसे आईएएस, आईपीएस और पीसीएस की परीक्षाएं पास करना चाहते हैं परन्तु पैसों की कमी या संसाधनों की कमी होने के कारण वे कोचिंग सेंटरों में दाखिला नहीं ले पाते।
बताते चलें कि कल यानी 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी के अवसर पर अभ्युदय योजना 2021 का उदघाटन किया जायेगा। योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम का उद्घाटन सुबह 10 बजे अपने आवास से करेंगे। इसके साथ ही वे उन छात्रों से बातचीत भी करेंगे जिन्होंने इस योजना के तहत क्लास लेने के लिए पंजीकरण करवाया है।
प्रदेश में ऐसी योजनाओं की है सख्त आवश्यकता-
जैसा की हम सभी जानते हैं कि कोरोना महामारी के कारण गरीब एवं माध्यमिक आर्थिक श्रेणी के अंतर्गत आने वाले परिवारों ने बहुत कठिनाइयों का सामना किया है। लाखों लोगों की नौकरियां जाने के कारण लोग अब हाथ बचा-बचा के ही काम कर रहे हैं। ऐसे में जो बच्चे सरकारी नौकरी के लिए के लिए कोचिंग सेंटरों में दाखिला लेना चाहते थे, वे या तो साल ड्राप करने पर या फिर अपनी पढाई रोकने पर मजबूर हो गए हैं। वैसे तो प्रदेश में और पूरे देश में हज़ारों कोचिंग सेंटर हैं जो आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग प्रदान कराते हैं, लेकिन इन सेंटरों की फीस हज़ारों और लाखों में होती है, जिसे हर वर्ग का छात्र भरने में असक्षम है। इसके साथ ही, जब छात्र इन कोचिंग सेंटरों से जुड़ता है, तो किताबों एवं अन्य महत्वपूर्ण संसाधनों को खरीदने का भी काफी खर्चा होता है।
इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री योगी ने अभ्युदय योजना का उदघाटन करने का फैसला किया। जिसके अंतर्गत गरीब बच्चों को ना ही सिर्फ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले कोचिंग सेंटरों में निशुल्क प्रवेश और क्लासेज लेने का मौका मिलेगा, बल्कि अन्य ज़रूरी संसाधन भी इन्हें यहीं से प्रदान किये जाएंगे। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत चल रहे कोचिंग सेंटरों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यम में शिक्षा दी जाएगी जिससे जो बच्चे किसी कारणवश शारीरिक रूप से क्लास न ले पा रहे हों, वो अपने घरों में बैठे-बैठे भी क्लास ले सकें और अपने सपने को साकार करने में सफल बन सकें।
योजना की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं-
- मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत मिलने वाली कोचिंग में प्रदेश के आईएएस, आईपीएस और पीसीएस अधिकारी खुद छात्र-छात्राओं को कोचिंग देंगे।
- इसके साथ ही कुछ विषय छेत्रों के कमिश्नर और जिला मजिस्ट्रेट भी छात्रों को पढ़ाएंगे।
- कोचिंग में स्मार्ट कक्षाओं का प्रयोग किया जाएगा। जिसके माध्यम से वे ज़्यादा बेहतर और अच्छी तरीके से कठिन विषयों को समझ सकेंगे।
- सभी छात्रों को हर विषय के लिए ऑनलाइन स्टडी मटीरियल भी प्रदान किया जाएगा।
- देश के कोने-कोने से हर विषय के विशेषज्ञों को गेस्ट फैकल्टी के तौर पर बुलाया जाएगा।
कैसे करें आवेदन-
जो छात्र मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में आवदेन करना चाहते हैं, उनके लिए ज़रूरी है कि वो उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी हों। और साथ ही, आवेदक के पास महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र जैसे आधार कार्ड या वोटर कार्ड भी होना चाहिए। आवेदन करने के लिए छात्र को अपने परिवार का वार्षिक आय प्रमाण पत्र या राशन कार्ड की फोटोकॉपी भी जमा करनी पड़ सकती है। इन सभी दस्तावेज़ों के अलावा, इच्छुक छात्र मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपनी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर की सहायता से आवेदन कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन एकेडमी (उपाम) ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत आने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्टडी मटीरियल बनाने की जिम्म्मेदारी उठाई है। योजना के अंतर्गत सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है कि नहीं, इसकी ज़िम्मेदारी भी उपाम को दी गई है।
माना जा रहा है कि यह योजना यूपी के छात्रों के लिए एक नयी सुबह लेकर आयेगी। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की मदद से न सिर्फ ज़्यादा से ज़्यादा छात्र सरकारी नौकरियां पाने में सफल होंगे बल्कि यह योजना छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए फ़ाएज़ा हाशमी द्वारा लिखा गया है।