सूत्रों से पता चला है कि नॉएडा सेक्टर 58 में पुलिस द्वारा पार्क यानी की एक सार्वजनिक स्थान पर लोगों द्वारा प्रार्थना (नमाज़) करने पर रोक लगा दी गई है। बताया जा रहा है कि इस मामले में पुलिस ने वहां बसी सभी कम्पनियों को नोटिस भेजा है कि वहां के पार्क में अब से नमाज़ नहीं पड़ी जाएगी। नोटिस भेजे जाने के एक दिन बाद, गौतमबुद्धनगर प्रशासन का कहना है कि यह सेक्टर 58 के एक पार्क के लिए विशिष्ट था और इसे जिले में पूर्ण रूप से लागू नहीं किया गया है।
उनका इसमें ये भी कहना है कि ये नोटिस प्रतिबंध लगाने के लिए नहीं बल्कि प्रार्थना के लिए अनुमति मांगने पर आदेश जारी करता है।
गौताम्बुध्नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल शर्मा का इस मामले में कहना है कि “कुछ लोगों ने सेक्टर 58 के एक पार्क में धार्मिक प्रार्थना आयोजित करने की अनुमति मांगी थी, जो सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा दी नहीं गई थी। लेकिन लोग वहां फिर भी एकत्र हुए, जिसके बारे में कंपनियों को भी जानकारी थी। और यह आदेश किसी भी एक धर्म के लिए विशिष्ट रूप से जारी नहीं किया गया है”।
इस नोटिस पर कई विपक्षी दल द्वारा भी विरोध जताया गया है। पता चला है कि mohamaddiyantrust.com नामक एक वेबसाइट मुसलमानों के हित के प्रति काम करती पाई गई है। और इसके संचालक, आदिल रशीद, सैकड़ों भक्तों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र के साथ डीएम कार्यालय पहुंचे थे ताकि वे मुसलमानों की मांगो को सरकार के समक्ष पेश कर सकें।
इस पर उनका कहना है कि “पार्क में कई वर्षों से नमाज पढ़ी जा रही है। और इस नोटिस के ज़रिये हमारी परंपरा को चुनौती दी जा रही है। सभी श्रद्धालु जो नमाज अदा करना चाहते हैं, उनकी ओर से मैं अधिकारियों को पत्र भेजकर नए सिरे से अनुमति मांगना चाहता हूँ”।
सेक्टर 58 के इंडस्ट्रियल हब में 23 कंपनियों को जारी किये गए नोटिस में कहा गया है कि “कंपनियों से अनुरोध है कि वे अपने मुस्लिम कर्मचारियों को सेक्टर 58 में नोएडा प्राधिकरण के पार्क में नमाज न पढने दें, क्योंकि इसकी अनुमति नहीं है। यदि कंपनी का कोई भी मुस्लिम कर्मचारी पार्क में नमाज पढ़ता पाया जाता है, तो उस पर वही कंपनी जिम्मेदार पाई जाएगी”।
जिला मजिस्ट्रेट बी एन सिंह ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बताया कि “इस नोटिस को सन्दर्भ में लेना ज़रूरी है। जानकारी के प्रति सेक्टर 58 में एक सार्वजनिक स्थान पर सैकड़ों लोग इकट्ठा होने लगे थे। और असल में ये क्षेत्र नोएडा प्राधिकरण को सोंपा गया है। 2009 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, ऐसी किसी भी धार्मिक गतिविधि के लिए, भूमि के मालिक और प्रशासन से अनुमति लेने की आवश्यकता होती है। और इस मामले में आधिकारियों या कंपनियों द्वारा ऐसी कोई भी अनुमति की मांग नहीं की गई थी”। जिस कारण ही सभी कंपनियों को नोटिस भेजा गया है।
अधिकारियों ने कहा कि श्रद्धालु 2013 से इस पार्क में नमाज पढ़ते आ रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों में, अधिकारियों ने दावा किया कि अब लोग बड़ी संख्या में एकत्रित होने लगे हैं। सिंह ने कहा, “हम नोएडा प्राधिकरण की ओर से नहीं बोल सकते हैं, लेकिन यह तथ्य बरकरार है कि अगर अनुमति नहीं दी गई तो धार्मिक गतिविधियों को रोकना होगा।”