अंबेडकर नगर: सरकार ने देश भर में 7 लाख व्यक्तिगत शौचालय यानी “इज़्ज़त घर” की घोष्णा तो कर दी है, लेकिन कितने ऐसे शौचालय अब तक बन पाए हैं, यह एक बड़ा सवाल है। कई बार लोगों ने प्रधान से मांग भी की है, यहां तक ब्लॉक लेवल पर एप्लीकेशन भी दी लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जो इज़्ज़त घर बने भी हैं उनकी हालत खस्ता है जिस वजह से बहू, बेटियां और बुजुर्ग लोग अब भी खुले में शौच करने जाते हैं, शायद खुले में शौच करने को मज़बूर करने को ही विकास कहते हैं।
ये भी देखें –
ओडीएफ मिशन में ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग शौचालय सुविधा क्यों नहीं?
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’