जिला कौशांबी के गांव महेवा से कौशांबी तक जाने वाले यात्रीयों को चौराहे में सुलभ शौचालय की व्यवस्था न होने के कारण कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं। यह चौराहा कौशांबी से इलाहाबाद जाने वाली रोड और चित्रकूट से भी मिलता है और इन रोड पर कुल 20 चौराहे हैं। यहां पर रोडवेज, प्राइवेट बस, टेंपो, ऑटो आदि वाहन से दिनभर में हजारों लोग यात्रा करते हैं। हालांकि, इस समस्या का सबसे अधिक प्रभाव महिलाओं पर पड़ रहा है।
ये भी देखें – बांदा : गांव में शौचालय की कमी से बढ़ रही खुले में शौच की समस्या
एक ओर सरकार स्वच्छ भारत अभियान के नारे लगाती है, जिसके लिए करोड़ों का बजट भी दिया जाता है, वहीं दूसरी ओर अभी तक कौशांबी के बस अड्डों में सुलभ शौचालय की व्यवस्था नहीं हुई है। इसके कारण यात्रियों को शौच के लिए दूर खेतों में जाना पड़ता हैं और अगर वह दूर निकल जाते हैं तो कई बार उनकी बसें भी छूट जाती हैं साथ ही कई बार उनके समान भी खो जाते हैं ।
वहाँ के लोगों का कहना हैं कि जब इलेक्शन के दौरान कई नेता काफी बड़े- बड़े वादे करके जाते हैं लेकिन सुविधा कोई भी नहीं प्रदान करता हैं। इस मामले को लेकर गाँव के लोग कई बार अधिकारी के पास जा चुके हैं लेकिन वहाँ से भी इसका अब तक कोई समाधान निकल कर नहीं आया है।
ये भी देखें – स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के दूसरे चरण में देश को मिला ओडीएफ प्लस का दर्जा पर ज़मीनी तस्वीर अलग
खबर लहरिया की रिपोर्टर इस मामले को लेकर कई बार बीडीओ ऑफिस के चक्कर लगा चुकी है लेकिन उनकी भी अभी तक किसी से बातचीत नहीं हो पाई है।
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’