हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को सामने आ चुके हैं। किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने नारा दिया था, अबकी बार 75 के पार लेकिन नतीजे के बाद भाजपा इससे काफी पीछे रह गई। बीजेपी के खाते में 40 सीट और कांग्रेस के खाते में 31 सीटें आई हैं इसके अलावा जननायक जनता पार्टी को 10 सीटें और अन्य को 9 सीटें मिली है। इसलिए अभी सस्पेंस बरकरार है हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, जानकारी आ रही है बीजेपी यहां निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बना सकती है
लेकिन सरकार बनाने के लिए कांग्रेस की कोशिशें भी जारी हैं।
भारतीय जनता पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़ा 46 सीट से अब भी 6 सीट दूर है। अगर दुष्यंत चौटाला की जेजेपी उसे समर्थन देती है तो वह आसानी से बहुमत पा सकती है। इसके अलावा भाजपा 6 निर्दलीय विधायकों के समर्थन से भी सरकार बना सकती है। लिहाजा सरकार बनाने में निर्दलीयों का भी अहम रोल है। अगर बात करें कांग्रेस की तो वह भी सरकार बनाने की जुगत में है. कांग्रेस भी जेजेपी मुखिया दुष्यंत चौटाला पर नजरें लगाए है यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस से दुष्यंत मुख्यमंत्री की कुर्सी भी मांग सकते हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है. सूत्रों के मुताबिक वह सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं. दोनों पार्टियां सत्ता की जुगत में लगी है. हरियाणा में कांग्रेस को संजीवनी दिलाने के लिए फिर से काम पर लगाए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ऐलान कर दिया है कि जनादेश बीजेपी के खिलाफ है लिहाजा सभी विपक्षी दल साथ आ जाएं।
अब देखना दिलचस्प होगा की हरियाणा में किसकी सरकार बनती है? सूत्रों के मुताबिक अगर जेजेपी और बीजेपी मिल जायें तो बात बन सकती है जबकि कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए जेजेपी के साथ-साथ अन्य पार्टियों का साथ भी लेना होगा।