दिहाड़ी मज़दूर रोज़गार के लिए परेशान हैं लेकिन उन्हें हफ़्तों बीत जाने के बाद भी सही से काम नहीं मिलता। सैकड़ों की संख्या में मज़दूर सड़क के पास, या ऐसा स्थान जहां से मज़दूरों को दिहाड़ी पर रखा जाता है, रोज़गार के लिए इंतज़ार करते रहते हैं। देखें हमारी रिपोर्ट, क्या कहते हैं मज़दूर?
ये भी देखें –
Zero Poverty Yojana 2024: एक साल में गरीबी मुक्त राज्य बनाने का अभियान, जानें योजना की पूरी जानकारी
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते हैतो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’