खबर लहरिया Blog पटना जिले के इस गांव में 1 महीने नहीं है बिजली, लोग गर्मी व पानी की कमी से बेहाल

पटना जिले के इस गांव में 1 महीने नहीं है बिजली, लोग गर्मी व पानी की कमी से बेहाल

पेड़ के नीचे बैठे भंटू पासवान ने बताया कि “हमारे गांव में कुछ भी हो जाए लेकिन सरकार और विभाग के लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता। कई बार हमारे गांव के लोगों ने एप्लीकेशन भी दिया है कि हमारे गांव का ट्रांसफार्मर खराब हो गया है उसको आकर के बदलवा दिया जाए लेकिन विभाग हमारी बात को अनसुना कर देते हैं।”

No electricity and water supply in this village of Patna district

                                                                                                          निवासी भंटू पासवान के घर की तस्वीर, जहां घर में बिजली का कनेक्शन तो है पर बिजली नहीं

रिपोर्ट – सुमन यादव 

पटना जिले के पुनपुन ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला गांव राजघाट नवादा में एक महीने से बिजली नहीं आने की वजह से वहां के लोग परेशान है। गांव के लोगों ने बताया कि एक महीने पहले उनके यहां ट्रांसफार्मर जल गया था। इस गांव में लगभग 600 घर होंगे जिसकी आबादी 3 से 4 हजार के आसपास है। लोग बिजली न होने से दोहरी मार झेल रहे हैं, एक तरफ पानी तो एक तरफ गर्मी।

गांव के लोगों ने बताया कि उनका गांव नदी किनारे बसा हुआ है जिसका नाम राजघाट नवादा है। यह पुनपुन ब्लॉक के अंतर्गत आता है। पूरे गांव में दो ही हैंडपंप है जिसको लेकर सुबह से लाइन लगा करके पानी भरना पड़ता है जिसके चलते कई बार लड़ाई भी हो जाती है। पानी भरने में देर हो जाने से  बच्चों को स्कूल जाने में देरी और आदमियों को काम पर जाने में भी देर हो जाती है। यहां के लोग बताते हैं कि उनके गांव में लाइट नहीं है जिसके चलते पानी नहीं मिल पाता। वह नहाने, धोने और यहां तक की झूठे हुए बर्तनों को धोने के लिए वह नदी में जाते हैं क्योंकि नदी पास पड़ती है। चापाकल उनके गांव घर से दूर पड़ता है।

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बिजली नहीं तो पेड़ के नीचे बैठकर लेते हैं हवा

                                                                                                                                                       गर्मी से राहत के लिए पेड़ की छांव का सहारा ले रहे ग्रामीण

सीमा देवी बताती हैं कि वह गांव में नदी का किनारा है उसके पास रहती हैं। वह घर के सारे काम जल्दी-जल्दी करके रोड के किनारे बैठ जाती हैं क्योंकि वहां पर पेड़ की ठंडी-ठंडी हवा आती रहती है। कमरे के अंदर गर्मी बहुत लगती है क्योंकि इतनी खास बारिश भी नहीं हो रही है जिसकी वजह से हम घर के अंदर रह पाए। सारा दिन रास्ते पर बैठे रहते हैं और रात में अंदर रहते हैं।

मोबाइल चार्ज करने जाना पड़ता है पास के गांव

जिनके पास मोबाइल है उनके लिए मोबाइल चार्ज करना मुश्किल हो गया है। अब कोई बाहर किसी काम से जा रहा है उसके बारे में खबर कैसे हो या अपने किसी रिश्तेदार से ही बातचीत करनी हो, इमरजेंसी में किसी पुलिस को ही कॉल करना हो या किसी अस्पताल में कॉल करना हो तो कैसे करें? अपनी सुरक्षा और परिवार की चिंता के लिए मोबाइल भी चार्ज करना जरूरी है इसलिए पास के गांव अकबरपुर, बहरामा, चकिया पर जाकर के अपने फोन चार्ज करते हैं।

बिजली विभाग बात को करते हैं अनसुना

पेड़ के नीचे बैठे भंटू पासवान ने बताया कि “हमारे गांव में कुछ भी हो जाए लेकिन सरकार और विभाग के लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता। कई बार हमारे गांव के लोगों ने एप्लीकेशन भी दिया है कि हमारे गांव का ट्रांसफार्मर खराब हो गया है उसको आकर के बदलवा दिया जाए लेकिन विभाग हमारी बात को अनसुना कर देते हैं।”

बिजली विभाग ने कहा जल्द बिजली का होगा समाधान

खबर लहरिया की रिपोर्टर ने बिजली विभाग में बात की तो पुनपुन ब्लॉक के जूनियर इंजीनियर ताकेशवर जी ने कॉल पर बताया कि ट्रांसफार्मर में कुछ दिक्कत चल रही लेकिन वह जल्दी समाप्त हो जाएगी और गांव में बिजली पहुंचा दी जाएगी।

माध्यमिक स्कूल की खाना बनाने वाली महिला बताती हैं कि “गांव के लोग मिलकर बिजली विभाग में कई बार शिकायत के लिए गए जिसके चलते विभाग में ट्रांसफार्मर भेजा था लेकिन जो ट्रांसफार्मर आया वह छोटा है और लोड नहीं उठा पा रहा। हमारे हिसाब से गांव में बड़ा ट्रांसफार्मर आना चाहिए जो पूरे गांव का लोड उठा ले।

 

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