निवाड़ी ज़िले के गाँव भोपालपुरा में महिलाएं बीड़ी बनाकर अपने परिवार का गुज़ारा कर रही हैं। गाँव की ज़्यादातर महिलाएं सुबह अपना काम ख़त्म करके बीड़ी बनाने में लग जाती हैं। घर के आदमी पत्ती तोड़कर लाते हैं और फिर महिलाएं उसमें तंबाकू भरकर बीड़ियाँ तैयार करती हैं। ये बीड़ियाँ आस-पास के शहरों में कम दामों में बिकती हैं। बीड़ी बेच के ये महिलाएं रोज़ाना का मुश्किल से 250 रूपए कमा पाती हैं।
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बढ़ती महंगाई ने इन परिवारों के लिए और मुसीबत खड़ी कर दी है। सिर्फ बीड़ी बनाकर अब घर चला पाना इन लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है।
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बीड़ी में डलने वाली तंबाकू सांस के ज़रिये बनाने वालों के भीतर भी जाती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। जैसे कि कमर दर्द, सर दर्द, अंधापन आदि। इस कारण इन महिलाओं को अब स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी हो रही हैं।
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