चित्रकूट जिले के ब्लॉक कर्वी बधवाईन गांव मंदिर के पीछे 3 फरवरी 2021 को सुबह लगभग 7 बजे एक बच्ची सूपे में रखी मिली। गांव के रामप्रकाश, रामकिशोर, जगदीश ,प्रसाद ने बताया यहां एक आदमी बाहरी था जो जानवर खरीदने गांव आता है। और अक्सर रूकता है सुबह वो यहां बैठा खाना खा रहा था। तभी उसे बच्चे के रोने की आवाज आई उसने देखा मंदिर के पिछे एक सूप मे बच्ची है उसने गांव के लोगों को इकट्ठा किया।
गांव के लोगों ने पुलिस को फोन किया चाइल्ड केयर मे फोन किया बच्ची को प्रशासन के हवाले किया। गांव के लोगों ने ये भी कहा यहां सुबह 5 बजे एक महिला एक पुरूष बाइक से आए थे। वो आए ते मेन रास्ते से लेकिन गये दूसरे रास्ते से हम समझे मंदिर मे तो लोग आते ही रहते हैं। 84 गांव के लोग यहां आते हैं हमने सोचा दर्शन के लिए आए होंगे।
अगर पता चल जाता की ये बच्ची को छोडकर जा रहे हैं तो हम उसे जाने नहीं देते। अक्सर बच्चियां ही इसतरह मिलती हैं और समाज उसमें सिर्फ महिलाओं की ही दोषी मानता है। क्या ऐसे मे बच्चे की दोषी सिर्फ महिला है इसमे पुरूषो का हांथ बिल्कुल नहीं परिवार समाज का दोष नहीं है।और ऐसे लावारिस बच्चों मे सिर्फ लडिय़ां ही होती हैं। लडके नहीं होते समाज उन बच्चों को नाजायज सम्बंध से पैदा हुआ बच्चा कहता है।
तो समाज की नजरो मे क्या नाजायज बच्चा सिर्फ बच्ची ही होती हैं। या कुछ और है। समाज सिर्फ हर तरह से महिला को दोषी ही क्यों ठहराती है। समाज अगर एक नजरिए से महिलाओं और पुरूषों के देखने लगे तो शायद इस तरह बच्चियों को कूड़ा समझ कर फेकने का सिलसिला खत्म हो जाएगा।