नया साल आ गया है, और इसके साथ ही हर कोने में नई उम्मीदों की गूंज है। लेकिन राजनीति में यह गूंज नई है या वही पुरानी? आइए इस पर विस्तार से बात करें। नमस्कार, मैं मीरा देवी, अपने शो राजनीति, रस, राय में आप सबका स्वागत करती हूं और नए साल 2025 की हार्दिक ढेरों शुभकामनाएं भेज रही हूं। नए साल में नेता फिर वही बड़े-बड़े वादे लेकर आएंगे—‘हर घर में रोजगार’, ‘महंगाई खत्म’, और ‘सबका साथ, सबका विकास’ लेकिन इन नारों के पीछे का सच कुछ और ही होता है। असल में, ये वादे हमें हर साल सुनाई देते हैं, पर उनकी हकीकत चुनाव खत्म होने के साथ ही कहीं गायब हो जाती है।
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