जिला बांदा| यहां पर नेकी की दीवार की शुरुआत लगभग 1 हफ्ते पहले सदर तहसीलदार बांदा द्वारा की गई थी| उन्होंने इस सोच के साथ इस नेकी की दीवार की शुरुआत की है कि बहुत से लोगों के घरों में जो कपड़े होते हैं वह जल्दी फटते नहीं है लेकिन लोग पहनकर रुक जाते हैं और पड़े रहते हैं घरों में चाहे कपड़े हो चाहे जूते या काफी किताबें हो तो उन चीजों का उपयोग होता है और किसी अच्छे काम पर नहीं आती तो अगर यहां पर नेकी की दीवार की शुरुआत हो जाएगी तो यहां पर एक मंच हो जाएगा जिसमें लोग लेकर कपड़े और जूते वगैरह रखेंगे और यहां से जो गरीब और असहाय लोग हैं जिनके पास यह चीज नहीं होती हैं और वह गरीब होते हैं दर दर भटकते रहते हैं वह यहां से अपने मन से ले जाएंगे| यह एक बहुत अच्छी सोच है जिसके तहत यह हुआ क्योंकि अक्सर घरों में कपड़े फटे नहीं है और लोग पहनने के बाद उठ जाते हैं तो वह पढ़े ही रहते हैं तो आप लोग यहां पर कपड़े ला रहे चाहे वह लेखपाल हो चाहे वकील हो जिनके पास भी हैं घरों में वह कपड़े ला रहे हैं यहां पर रख रहे हैं तो कपड़ों का स्टार्ट भी खट्टा किया जा रहा है और यहां पर टांग दिए जाते हैं| गरीब लोग हैं वह आते हैं अपने नाप के ले जात है