नीट परीक्षा 2024 में कथित तौर पर गड़बड़ी और पेपर लीक का आरोप लगाते हुए देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहें हैं। मंगलवार 4 जून को नीट परीक्षा के परिणाम आने के बाद ये मामला और बढ़ गया जब NTA (जो नीट की परीक्षा आयोजित करता है) द्वारा कई छात्राओं को बढ़ा के अंक दिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर जवाब माँगा है और कहा कि इससे परीक्षा की विश्वसनीयता और पवित्रता प्रभावित हुई है।
नीट परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कल मंगलवार 11 जून को केंद्र और एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) को याचिका जारी की जिसमें नीट-यूजी 2024 के मेडिकल प्रवेश परीक्षा के परिणाम रद्द करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि काउंसलिंग को रोका नहीं जाएगा और सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख दी है।
नीट परीक्षा 2024 में कथित तौर पर गड़बड़ी और पेपर लीक का आरोप लगाते हुए देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहें हैं। मंगलवार 4 जून को नीट परीक्षा के परिणाम आने के बाद ये मामला और बढ़ गया जिसमें NTA जो नीट की परीक्षा आयोजित करता है कई छात्राओं को बढ़ा के अंक दिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर जवाब माँगा है और कहा की इससे परीक्षा की विश्वसनीयता और पवित्रता प्रभावित हुई है।
अदालत की बात
जस्टिस विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने मामले की सुनवाई की। अदालत ने एनटीए से जवाब मंगाते हुए कहा कि “यह इतना सरल नहीं है… क्योंकि आपने यह किया है (परीक्षा आयोजित की है) इसलिए यह पवित्र है इससे परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है… परीक्षा की विश्वनीयता का सवाल है इसलिए हमें इसका जवाब चाहिए।”
एनटीए ने नीट मेडिकल प्रवेश परीक्षा 2024 के परिणामों को ग्रेस मार्क यानी अंक बढ़ा कर अंक दिए जिससे 67 उम्मीदवार के 100% अंक आए और उम्मीदवारों ने टॉप किया। एनटीए के ऐसे परिणाम से विवाद खड़ा हुआ और पेपर लीक होने के आरोप लगाए गए। सुप्रीम कोर्ट ने इसका जिम्मेदार एनटीए को ठहराया क्योंकि परीक्षा एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) द्वारा आयोजित की गई थी।
आगे कोर्ट ने कहा, “हम काउंसलिंग बंद नहीं कर रहे हैं। यदि याचिकर्ताओं ने काउंसलिंग को रोकने की कोशिश की या बहस की तो याचिका खारिज कर सकते हैं।
नीट परीक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन
नीट परीक्षा को लेकर देश में अलग-अलग जगह छात्र और छात्र संगठन परीक्षा को रद्द करने और फिर से परीक्षा कराने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
समाजवादी छात्र सभा के सदस्यों ने कल मंगलवार 11 जून को जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपा तो वहीँ भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कथित नीट पेपर लीक और परीक्षा में गड़बड़ी की गहन जांच की मांग की गई।
एनडीटीवी की रिपोर्ट बताती है कि समाजवादी छात्र सभा ने मांग की है कि फिर से नीट परीक्षा आयोजित की जाए। समाजवादी पार्टी की छात्र शाखा ने दावा किया कि 67 उम्मीदवारों ने नीट प्रवेश परीक्षा में 100% अंक हासिल किए हैं, जिससे पता चलता है कि पेपर पेपर लीक हुआ था और पहले से ही अलग-अलग सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म पर पेपर उपलब्ध था।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के सदस्यों ने भी सोमवार 10 जून को लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) परिसर के आसपास विरोध प्रदर्शन किया था।
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