Neem ki chaal: जिला चित्रकूट, ब्लाक मनिकपुर, गांव आगरहुडा। नीम की छाल बहुत फायदेमंद होती है। इससे लोग देसी दवाएं अपने घरों में बनाते हैं। इस समय बारिश का मौसम है और बच्चों को फोड़ा-फुंसी भी निकलते हैं। एक तरफ धरती से उमस और बारिश कम हो तो छाले बहुत पड़ जाते हैं। उन छालों की रामबाण दवा है नीम के छाले और आंवला की पत्ती। इसको सिलबट्टे पर पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर बच्चों को ललगाने से फुंसी में राहत मिलती है।
इसमें ज़्यादा मेहनत भी नहीं होती, ना ही पैसा लगता है। आपके आसपास आसानी से मिल जायेगा। पहले के लोगों के पास पैसे नहीं होते थे इसलिए लोग इसी पर फोकस करते थे, अब लोग कुछ भी हो जाये तुरंत डॉक्टर के पास भागते हैं। देसी दवाएं अपनाने से फायदे होते हैं।
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