महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 558 जिलों से केवल 4,532 आवेदनों को मंजूरी दी गई, जबकि 4,781 आवेदन खारिज कर दिए गए और 18 स्वीकृति के लिए रुके हुए हैं।
कोविड-19 महामारी के समय में बहुत से लोगों ने अपनी जान गवाई। उनमें से कुछ ऐसे बच्चे थे जिन्होंने अपने माता-पिता को कोरोना काल में खोया। अधिकारियों के अनुसार, पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना जो कोविड अनाथ बच्चों के लिए लायी गई थी उस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों में से लगभग 51 % को अस्वीकार कर दिया। इसकी जानकारी कल मंगलवार 16 जुलाई को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने दी।
कोरोना महामारी के समय में देश में कई लोगों ने अपनों को खोया ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 29 मई 2021 में उन बच्चों के लिए एक योजना की शुरुआत की जिन्होंने कोविड में अपने माता-पिता दोनों को खोया। इस योजना का नाम पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना रखा गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 613 जिलों से कुल 9,331 आवेदन प्राप्त हुए। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 558 जिलों से केवल 4,532 आवेदनों को मंजूरी दी गई, जबकि 4,781 आवेदन खारिज कर दिए गए और 18 स्वीकृति के लिए रुके हुए हैं।
इस योजना लाभ उठाने के लिए वेबसाइट लिंक भी साझा किया गया – https://pmcaresforchildren.in/
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य अनाथ बच्चों की व्यापक देखभाल और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना, स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनकी भलाई को सक्षम बनाना, शिक्षा के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाना और 23 वर्ष की आयु तक पहुँचने पर उन्हें वित्तीय सहायता के साथ आत्मनिर्भर होने के लिए तैयार करना है। इस योजना के तहत हर बच्चे को 20 हजार रुपया छात्रवृत्ति भत्ता के रूप में और हर महीने 1000 रुपये मासिक भत्ता दिया जाता है इसके साथ ही स्कूल फीस, किताबों और ड्रेस के लिए मदद की जाती है।
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना में आवेदनों की संख्या
द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, आंकड़ों से मिली जानकारी में राजस्थान में 1,553 आवेदन, महाराष्ट्र 1,511 आवेदन और उत्तर प्रदेश 1,007 आवेदन सहित कुछ राज्यों में आवेदनों की संख्या सबसे अधिक रही। आवेदन को स्वीकृति मिलने वाले राज्यों में महाराष्ट्र से 855, राजस्थान से 210 तथा उत्तर प्रदेश से 467 है।
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