पटना के नालंदा जिले में दलित हरे राम पासवान की हत्या कर दी गई। जानकारी के अनुसार 20 जनवरी को अपने घर से कुणाल के परिवार के जन्मदिन पार्टी में शामिल होने के लिए निकले थे। 21 जनवरी 2025 को उनका शव उतरनावा गांव के पास एक बगीचे के पास नदी के किनारे मिला। इस घटना ने उनके परिवार और गांव में शोक का माहौल बना दिया है।
यह मामला नालंदा जिले के रहुई थाना अंतर्गत बसनपुर गांव के रहने वाले हरे राम पासवान की हत्या का है। इस हत्या के बाद प्रशासन की कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं। हरे राम पासवान, जो पेशे से एक मजदूर थे।
मृतक के परिवार का विवरण
हरे राम पासवान की पत्नी रेखा देवी ने बताया कि उनके पति की उम्र करीब 34 साल थी। उनके तीन छोटे बच्चे हैं, जिनमें दो बेटियां और एक बेटा शामिल है। हरे राम मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे।
घटना से पहले क्या हुआ था?
20 जनवरी की रात को उनके पति को कुणाल से फोन आया था, जिसमें उन्होंने पार्टी में बुलाया था। रेखा देवी ने अपने पति को जाने से मना किया, लेकिन वह नहीं माने और पार्टी में चले गए। रातभर न घर लौटने के बाद जब हरे राम का फोन नहीं उठाया गया, तो रेखा देवी ने अपनी ननद पूनम से बात की। फिर कुछ समय बाद यह जानकारी मिली कि हरे राम का शव उतरनावा गांव में पाया गया है।
मृतक की पत्नी रेखा देवी द्वारा दर्ज की गई एफआईर की तस्वीर
परिवार ने लगाया पुलिस पर आरोप
रेखा देवी जो कि मृतक की पत्नी है। उन्होंने कहा, “पुलिस घटनास्थल पर कैसे पहुंची पता नहीं? उन्होंने पंचनामा तैयार किया और मेरे देवर से साइन करवा लिया। मेरे देवर की उम्र 16 साल है और नाम हरिश्चंद्र दानी है। पंचनामा में यह लिखा गया कि मेरे पति की मौत करंट लगने से हुई है, पर ऐसा नहीं है। मेरे पति जिस स्थिति में मिले उस जगह दूर-दूर तक कोई बिजली का तार या खंभा नहीं था। तो मेरे पति की मौत करंट लगने से कैसे हो सकती है? दूसरी बात यह है कि मेरे पति के पास एक पाइप पड़ा था, जो खेतों में पानी देने के काम आता है। यह पाइप उतरनावा के निवासी धनंजय महतो का है उसने ही मेरे पति को मारा होगा। अगर उसने नहीं मारा होता, तो फिर उसके घर की चीजें मेरे पति के शव के पास कैसे पाई जातीं? इसके अलावा, कुछ दिन पहले ही धनंजय महतो और मेरे पति के बीच इसी पाइप को लेकर झगड़ा हुआ था, और बाद में सुलह हो गई थी। लेकिन हमें नहीं पता था कि यह बात इतनी बढ़ जाएगी कि वह मेरे पति को इस तरह से मार डालेगा।”
पुलिस ने कहा मृतक पर कई केस दर्ज
आगे रेखा देवी कहती हैं कि “प्रशासन को शायद किसी ने पैसे दिए हैं, तभी वे इस तरह से बात कर रहे हैं। प्रशासन हमसे कह रहा है कि उनके पास पहले से ही मेरे पति के खिलाफ कई केस दर्ज हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। मेरे पति तो कभी शराब नहीं पीते थे, न ही तंबाकू या गुटखा खाते थे। तो उनके खिलाफ कोई केस कैसे दर्ज हो सकता है? अगर मान भी लें कि कोई अपराध किया था, तो भी उसके खिलाफ कानून होता है, क्या कोई इस तरह से किसी को मार डाल सकता है? मुझे सिर्फ इंसाफ चाहिए, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। 21 जनवरी को यह घटना घटी थी, और हमने 24 जनवरी को एक बयान (सिन्हा) दिया, लेकिन पुलिस इसे लेने के लिए तैयार नहीं थी। बहुत कोशिशों के बाद, उन्होंने सिन्हा (बयान) लिया।”
शव पर चोटों के निशान
रेखा देवी ने बताया कि जब उन्होंने अपने पति का शव देखा, तो उनके हाथ-पैर बंधे के निशानऔर शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे। यह भी प्रतीत हो रहा था कि उनके मुंह में मिट्टी डाली गई थी, ताकि उनकी मौत को करंट लगने से जोड़कर पेश किया जा सके।
पुलिस की जांच और कार्रवाई
पुलिस ने कहा कि शव के पास चोरी का सामान पाया गया था, जिससे यह अनुमान लगाया गया कि हरे राम की मौत चोरी के दौरान हो सकती है। पुलिस ने इस सिलसिले में एक आरोपी सुनील कुमार को गिरफ्तार किया, जिसने बताया कि वह और हरे राम चोरी करने गए थे। हालांकि पुलिस ने यह भी कहा कि हत्या की जांच अभी जारी है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण का पता चल पाएगा। पुलिस ने आरोपी धनंजय महतो से भी पूछताछ की, लेकिन अभी तक कोई रंजिश या हत्या का स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है।
मदद के लिए आए सामजसेवी
रेखा देवी ने बताया कि उनके पति की मौत के बाद कई समाजसेवी और पार्टी नेता उन्हें समर्थन देने आए थे। इनमें आदित्य पासवान (कांग्रेस के अधिवक्ता), प्रेम पासवान (भीम आर्मी से), जोगिंदर जी, और खुशी पासवान (समाजसेवी) शामिल थे। इन सभी ने थाने जाकर दबाव डाला, तब जाकर पुलिस ने बयान लिया। मैं चाहती हूं कि मेरे पति को इंसाफ मिले और जो भी अपराधी हैं, उन्हें पकड़ा जाए, क्योंकि मुझे पूरा यकीन है कि मेरे पति की हत्या धनंजय महतो ने की है।
खबर लहरिया की रिपोर्ट ने इस मामले पर नालंदा जिले के रहुई थाना के सब इंस्पेक्टर राजकुमार से फोन पर बात की, तो उन्होंने बहुत शांत और शिष्ट तरीके से कहा, “लाश पर कई चोटों के निशान थे, पेट और हाथ-पैर जलने के निशान थे, जिससे यह लगता है कि करंट लगने से मौत हुई है। उस समय कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई, इसलिए केस को आगे बढ़ाने के लिए यूआई कार्ड लगाया गया।”
एक आरोपी अब भी फरार
सब इंस्पेक्टर राजकुमार जी ने बताया कि पुलिस परिवार द्वारा दिए गए नामों के आधार पर छापेमारी कर रही है। कुणाल, जो एक संदिग्ध व्यक्ति है, वह अभी फरार है। धनंजय महतो से भी पूछताछ की गई है। धनंजय ने बताया कि उनके घर से कुछ दिन पहले चोरी का सामान गायब हुआ था, जो मृतक की लाश के पास मिला। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उनकी हरे राम के परिवार से कोई रंजिश थी। अगर ऐसा कुछ सामने आता है, तो उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई है, लेकिन रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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