वराणसी जिले के ब्लॉक चिरईगांव ब्लॉक गांव खरगीरपुर में तेज बारिश के साथ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का गंदा पानी शारदा सहायक नहर में छोडा़ जाने से नहर का अस्तित्व खतरे में है|
मल जल छोड़े जाने से लगभग 12 किलोमीटर लंबी नहर में बड़ी-बड़ी घास जाम गई है और शारदा सहायक नहर में गंदा पानी छोड़े जाने से नहर बेहद कमजोर हो चुका है, जिससे आए दिन किसानों की फसल का नुकसान हो रहा है|
किसानों का आरोप है की यहां से नहर लगभग 12 किलोमीटर तक खराब है और दूषित जल से खेती करना भी किसानों के लिए ठीक नहीं है नहर के पास गांव के किसान नागेंद्र, बाबू लाल, हीरा, बुझारत और अजीत ने बताया की जब नहर में मल जल पानी छोड़ा जा रहा है,तो पानी का रंग भी काला व बदबूदार हो गया है इससे खेती करना और मानव दोनों के लिए घातक है |
उसको कहीं और छोड़ा जाए तो हमारे लिए ज्यादा अच्छा होगा नहीं तो हम किसान लोग एक तो वैसे ही परेशान रहते हैं फसल को लेकर दुसरा इस नहर के द्वारा परेशान हो रहे हैं, यदि हमारी खेती किसानी रुक जाएगी तो हम लोग अपने घर का खर्चा कैसे चलाएंगे और परिवार का भरण पोषण कर पाएंगे| हम लोगों के एक चिंता का विषय बनता जा रहा है ये नहर इस को जल्द से जल्द ठीक कराया जाए| बरसात का मौसम वाइसे ही आ रहा है रोज बारिश होगा तो उसमें ज्यादा पानी भर जाएगा हमारी खेती सही से नहीं हो पाएगी |
जिसकी मरम्मत के लिए मौके पर सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता और अवर अभियंता टूटे नहर मरम्मत कराने पहुंचे थे इस मामले में सहायक अभियंता प्रवीण कुमार ने बताया है पानी की क्षमता कम है और इस समय नहर का पानी को बाबतपुर के पास से दूसरी तरफ डायवर्ट कर दिया गया है |
यह पानी गोइठहा एसटीपी के द्वारा बीते 21 जून 2020 को अचानक छोड़ दिया गया था| जिससे खरगूपुर में यह टूट गया उसका मरम्मत करवाया जा रहा है और नहर की साफ सफाई और मरम्मत में सबसे बड़ा रोड गोइठहा एसटीपी का मंजर छोड़ा जाना है इसी तरह पिछले साल भी नहर में गंदा पानी भरे रहने से नहर में बड़ी घास काफी मात्रा में उगी थी, जिससे पानी का बहाव रुक जा रहा है और नहर की मिटटी भी कमजोर होती जा रही है|