मथुरा
कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए देश के लगभग सभी नागरिक लॉकडाउन हो चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ मथुरा जिला जेल में बंद उत्तर प्रदेश सरकार के निलंबित बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। दरअसल, इस चिट्ठी में डॉ. कफील ने पीएम मोदी से अनुरोध किया है कि भारतीयों को कोरोना जैसी घातक महामारी से बचाने के लिए कोरोना स्टेज-3 के खिलाफ एक रोड मैप का जिक्र किया है।
तीस-चालीस लाख नागरिक हो सकते हैं प्रभावित
मथुरा जेल प्रशासन के माध्यम से पीएम मोदी को भेजी गई चिट्ठी में डॉक्टर खान ने कोरोना वायरस के संदर्भ में रोडमैप सुझाते हुए लिखा है,‘मुझे ‘सार्स-कोव 2′ से लड़ने के लिए सरकार द्वारा अपनाए गए उपाय सराहनीय एवं संतोषजनक लगे हैं। परंतु भारत इसके तीसरे चरण में पहुंच सकता है। आशंका है कि ऐसा होने पर देश के तीस-चालीस लाख नागरिक प्रभावित हो सकते हैं। उस स्थिति में तीन से चार फीसद मरीजों की मौत हो सकती है। ऐसे में यह महामारी बहुत ही विस्फोटक हो सकती है।’
पचास फीसदी बच्चे हैं कुपोषण के शिकार
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में लगाए 107 निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों में 50,000 मरीजों को देखे जाने का हवाला देते हुए कहा है, ‘हमारी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमराई हुई है। डाक्टरों व नर्सों की बहुत कमी है। 50 फीसदी से ज्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। आइसीयू केवल शहरों तक सीमित हैं। लोगों में जानकारी के अभाव के कारण यह महामारी बहुत घातक साबित हो सकती है। ऐसे में, स्वास्थ्य सेवाओं को अभी से मजबूत करने की जरूरत है।
मुंबई से किया गया था गिरफ्तार
कफील खान को मुंबई एयरपोर्ट से 29 जनवरी को यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया था। बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के सिलसिले में मथुरा जिला कारागार में कैद डॉ. कफील खान की जमानत पर रिहाई से पहले ही उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा दिया गया था।
बता दें कि 19 मार्च को लिखे गए इस पत्र को उनकी पत्नी डॉ. शाबिस्ता खान ने उनके ट्विटर अकाउण्ट के माध्यम से प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय एवं संयुक्त राष्ट्र को बुधवार को टैग करते हुए ट्वीट किया। मथुरा जिला कारागार के जेलर अरुण पाण्डेय ने पत्र भेजे जाने की पुष्टि की। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार दक्षिण कोरिया के समान अधिकाधिक जांच एवं निगरानी तथा चीन के समान अधिक दृढ़ता से सोशल डिस्टेंस लागू किया जाए। इसके अलावा रैपिड लैब टेस्टिंग सेण्टरों की स्थापना, हर जिले में कम से कम 100 आइसीयू, 1000 आइसोलेशन बेड, डाक्टरों-नर्सों, आयुष चिकित्सकों, निजी चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण आदि जैसी कई बातें कहीं हैं।
2017 में किया गया था गिरफ्तार
डॉ. कफील खान को अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था। करीब 2 साल के बाद जांच में खान को सभी प्रमुख आरोपों से बरी कर दिया गया था।