प्रारंभिक जांच में पता चला कि पत्रकार के चचेरे भाई रितेश और सुपरवाइजर महेंद्र ने रात के खाने के दौरान हुए झगड़े के बाद लोहे की रॉड से हमला कर मुकेश चंद्राकर की मौके पर ही हत्या कर दी थी।
छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को पुलिस द्वारा हैदराबाद से गिरफ़्तार कर लिया गया है। पुलिस ने 6 जनवरी,2025 को यह जानकारी दी। पत्रज़र मुकेश छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से थे।
छत्तीसगढ़ के पत्रकार की हत्या मामले में आरोपी गिरफ़्तार
मौजूदा जानकारी के अनुसार, आरोपी सुरेश चंद्राकर पेशे से ठेकेदार है और पत्रकार मुकेश की हत्या के बाद से ही फरार था। पत्रकार की हत्या का मामला 3 जनवरी 2025 को सामने आया था।
पीटीआई न्यूज़ एजेंसी को बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक पी. सुंदरराज ने बताया कि हत्या की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई थी। इस टीम ने रविवार रात 5 जनवरी को सुरेश चंद्राकर को पकड़ा।
पुलिस महानिरीक्षक के अनुसार, आरोपी को सोमवार 6 जनवरी की सुबह बीजापुर लाया गया था व उससे पूछताछ जारी है।
आगे बताया कि इस मामले में सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश चंद्राकर और दिनेश चंद्राकर, और उनके सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
पत्रकार की हत्या को लेकर क्या कहती है जांच?
एनडीटीवी की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार,प्रारंभिक जांच में पता चला कि पत्रकार के चचेरे भाई रितेश और सुपरवाइजर महेंद्र ने रात के खाने के दौरान हुए झगड़े के बाद लोहे की रॉड से हमला कर मुकेश चंद्राकर की मौके पर ही हत्या कर दी थी।
इसके बाद दोनों ने शव को एक सेप्टिक टैंक में छिपा दिया और उसे सीमेंट से बंद कर दिया ताकि हत्या को छुपाया जा सके। उन्होंने मुकेश चंद्राकर का फोन और हत्या में इस्तेमाल की गई लोहे की रॉड को भी ठिकाने लगा दिया।
बताया गया कि दिनेश चंद्राकर ने टैंक को सीमेंट से बंद करने का काम किया। वहीं सुरेश चंद्राकर को इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।
पत्रकार की हत्या की क्या है वजह?
पत्रकार मुकेश चंद्राकर एनडीटीवी न्यूज चैनल के लिए फ्रीलांस पत्रकार के तौर पर काम करते थे। उनका अपना ‘बस्तर जंक्शन’ के नाम से यूट्यूब चैनल भी था, जिसे वह चलाते थे। उनके लगभग 1.59 लाख सब्सक्राइबर हैं।
पत्रकार की हत्या की वजह उनके द्वारा बीजापुर में सड़क निर्माण कार्य में कथित भ्रष्टाचार उजागर करने वाली रिपोर्ट को बताया जा रहा है, जो 25 दिसंबर को एनडीटीवी पर दिखाई गई थी।
बताया गया कि सड़क निर्माण का काम ठेकेदार सुरेश चंद्राकर से जुड़ा हुआ था।
आरोपियों के खिलाफ़ पुलिस की कार्यवाही ज़ारी
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दावा किया था कि सुरेश चंद्राकर कांग्रेस नेता हैं। हालांकि, विपक्षी पार्टी का कहना है कि आरोपी हाल ही में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा में शामिल हुआ था।
जानकारी के अनुसार,आरोपी की अवैध संपत्तियों और कब्जों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, बीजापुर-गंगालूर रोड के पास जंगल की जमीन पर कब्जा कर सुरेश चंद्राकर द्वारा बनाए गए निर्माण यार्ड को गिरा दिया गया है।
पुलिस ने सुरेश चंद्राकर और अन्य आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। अब तक सुरेश चंद्राकर के तीन बैंक खातों को होल्ड पर रखा गया है।
पत्रकार मुकेश का योगदान
रिपोर्ट बताती है कि पत्रकार मुकेश ने अप्रैल 2021 में बीजापुर के टेकलगुड़ा नक्सली हमले के बाद कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास को माओवादियों की कैद से छुड़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस हमले में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे।
बता दें, कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन (CoBRA) केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की एक विशेष जंगल युद्ध इकाई है।
रविवार, 5 जनवरी को महार समुदाय के सदस्यों ने पत्रकार की हत्या की निंदा करते हुए कैंडल मार्च निकाला और आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।
वहीं शनिवार, 4 जनवरी को रायपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों ने प्रदर्शन किया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
पत्रकार की हत्या को लोग पत्रकारिता की हत्या और देश में एक पत्रकार की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं।
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