महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मुंब्रा रेलवे स्टेशन पर लोकल ट्रेन में हादसे की वजह से कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई और 12 लोग घायल हो गए। यह ट्रेन मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) से ठाणे के कसारा इलाके में जा रही थी। यह हादसा दिवा स्टेशन और मुंब्रा स्टेशन के बीच हुआ जब दोनों ट्रेनों के फुटबोर्ड (सीढ़ी) पर लटकर यात्री सफर कर रहे थे, तभी विपरीत दिशा से आ रही ट्रेन से लोग टकरा गए और ट्रेन से गिर गए। इसकी जानकारी मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल नीला ने दी।
यह घटना कल 9 जून 2025 को सोमवार सुबह 9:30 बजे के करीब हुई। इसकी वजह ट्रेन में भीड़ बताई जा रही है। इस घटना के बाद रेलवे बोर्ड ने कहा है कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्वचालित दरवाजा बंद करने की सुविधा होगी। इसके साथ ही नई गैर-एसी ट्रेनों का डिजाइन और निर्माण किया जाएगा।
हादसे के बाद रेलवे बोर्ड ने भविष्य में चलने वाली लोकल ट्रेनों में तीन बड़े बदलाव की जानकारी दी है। रेलवे बोर्ड में सूचना एवं प्रचार के कार्यकारी निदेशक (EDIP) दिलीप कुमार ने कहा, “मुंबई में आज हुई दुखद घटना के मद्देनजर, रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने रेलवे की रेलवे बोर्ड एंड इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) टीम के साथ विस्तृत बैठक की। इसका उद्देश्य मुंबई उपनगरीय क्षेत्र में लोकल नॉन-AC ट्रेनों में स्वचालित दरवाज़े बंद होने की समस्या का व्यावहारिक समाधान खोजना था। नॉन-AC ट्रेनों में स्वचालित दरवाज़े बंद होने की मुख्य समस्या वेंटिलेशन कम होने के कारण दम घुटना है। विस्तृत चर्चा के बाद, यह निर्णय लिया गया कि नई नॉन-AC ट्रेनें डिज़ाइन और निर्मित की जाएंगी और ट्रेनों में तीन डिज़ाइन परिवर्तनों का उपयोग करके वेंटिलेशन की मुख्य समस्या का समाधान किया जाएगा।”
#WATCH | मुंब्रा ट्रेन हादसा | दिल्ली | रेलवे बोर्ड में सूचना एवं प्रचार के कार्यकारी निदेशक (EDIP) दिलीप कुमार ने कहा, “मुंबई में आज हुई दुखद घटना के मद्देनजर, रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने रेलवे की ICF टीम के साथ विस्तृत बैठक की। इसका उद्देश्य मुंबई उपनगरीय क्षेत्र… pic.twitter.com/T7jAi0JqND
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 9, 2025
उन्होंने बताया कि लोकल ट्रेनों में रूफ वेंटिलेशन यूनिट लगाए जाएंगे ताकि, ताजी हवा अंदर आ सके इसके साथ भी लोकल ट्रेन के डिब्बों में यात्रियों को दूसरे डिब्बे में जाने के लिए दरवाजा लगाया जायेगा जिससे यात्री आसानी से दूसरे डिब्बे में जा सकेंगे।
नवम्बर तक इस प्रस्ताव पर काम पूरा, 2026 में होगी शुरू
दिलीप कुमार ने आगे यह भी बताया कि इस नए प्रस्तावित नॉन एसी लोकल ट्रेन का पहला कार्य नवंबर तक पूरा हो जाएगा। सभी तरह के सुरक्षा मानकों को पास करने के बाद इसे 2026 जनवरी में लोगों के लिए शुरू कर दिया जायेगा।
मुंबई ट्रेन हादसे में मृतकों की पहचान
हिंदुस्तान टाइम्स की 9 जून की रिपोर्ट के मुताबिक हादसे में मृतकों की पहचान केतन सरोज, राहुल गुप्ता, मयूर शाह और जीआरपी कांस्टेबल विक्की मुखियाद के रूप में हुई है। घायलों में चार पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं, जिनका शिवाजी अस्पताल और ठाणे जनरल अस्पताल में इलाज चल रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
ट्रेनों में बढ़ती भीड़ इस तरह की घटनाओं का परिणाम होती है। दिल्ली, मुंबई, यूपी और बिहार की अधिकतर ट्रेनों में खासकर जनरल डिब्बे में भीड़ होती है और लोगों को मजबूरन ऐसी ट्रेनों में यात्रा करनी पड़ती है। मुंबई की लोकल ट्रेनों में अक्सर सुबह और शाम के समय यानी जब अधिकतर लोग अपने काम पर या तो पढ़ाई के लिए जा रहे होते हैं तब बहुत भीड़ देखने को मिलती है।
ट्रेनों में इतनी भीड़ क्यों?
ट्रेनों में भीड़ की वजह एक यह भी है कि ट्रेनों की कमी। सरकार अधिकतर नयी ट्रेनों जिसमें वन्दे भारत जैसी ट्रेन भी शामिल है इसकी शुरुआत कर रही है जिससे सफर आसान तो हुआ है लेकिन किन लोगों के लिए ये सवाल है? उन ट्रेनों के किराए इतने महंगे हैं कि आम जनता उसमें सफर नहीं कर सकती। ऐसे में लोगों को मजबूरन लोकल ट्रेन में सफर करना पड़ता है। सरकार को लोकल की ट्रेनों की संख्या बढ़ानी चाहिए और पुरानी ट्रेनों को ही पहले बेहतर करना चाहिए ताकि लोगों को फिर से इस तरह के हादसे का शिकार न होना पड़े।
ट्रेनों में बढ़ती भीड़ का कारण – रोजगार
ट्रेनों में बढ़ती भीड़ का एक कारण यह भी है कि लोग अलग-अलग राज्यों जैसे यूपी, बिहार आदि से निकल कर महानगरों में रोजगार के लिए जाते हैं क्योंकि उनके क्षेत्र में रोजगार नहीं है और न ही उतना वेतन जिस वजह से वे दूसरे शहर में जाकर कमाते हैं। ऐसे में जिस शहर में वे जाते हैं उस शहर में भीड़ का हिस्सा भी कई गुना बढ़ जाता है। यदि उनके क्षेत्र में ही रोजगार उपलब्ध हो तो उन्हें पलायन की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस तरह से भीड़ भी किसी दुर्घटना की वजह नहीं बनेगी।
भीड़ से भगदड़ और मौत
अधिकतर भीड़ की वजह से भगदड़ होती है जिसकी वजह से एक बड़ा हादसा हो जाता है जिसमें कई लोगों की मौत और कई गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। उदाहरण के लिए हाथरस, महाकुम्भ, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और अब हाल ही में बेंगलुरु में भगदड़ हुई। भगदड़ का जिम्मेदार कौन है और इस भगदड़ से बचने के लिए सरकार किस तरह के कदम उठा रही है यह बड़े सवाल है।
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