छतरपुर जिले के सिटी कोतवाली अंतर्गत आने वाली विश्वनाथ कॉलोनी में एक 17 वर्षीय छात्रा ने रिजल्ट आने के बाद आत्महत्या कर ली। परिजनों ने जब कमरे का दरवाजा खोला तो छात्रा को फांसी पर लटका हुआ पाया।
रिपोर्ट – अलीमा, लेखन – गीता
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के 12 वीं परीक्षा / MPBSE MP Board Result 2025 का परिणाम 6 मई दिन मंगलवार को घोषित कर दिया गया है। परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद जहां कई छात्रों ने अच्छे नंबर से पास होने जश्न मनाया है तो वहीं कुछ छात्रों के लिए यह पल बहुत दुख भरा साबित हुआ है। इसका कारण ये रहा कि जिन छात्रों के नंबर उम्मीद से कम आए हैं। उनमें से कई छात्रों ने आत्मघाती कदम उठाया है। ऐसा ही मामला छतरपुर जिले में सामने आया है।
MPBSE MP Board Result 2025 देख हुई निराश की आत्महत्या
छतरपुर जिले के सिटी कोतवाली अंतर्गत आने वाली विश्वनाथ कॉलोनी में एक 17 वर्षीय छात्रा ने रिजल्ट आने के बाद आत्महत्या कर ली। परिजनों ने जब कमरे का दरवाजा खोला तो छात्रा को फांसी पर लटका हुआ पाया। उसे तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
परिवार सदमे में
मृतक छात्रा के पिता मणि ने बताया कि उनकी बेटी एक्सिलेंस स्कूल में 12 वीं कक्षा में पढ़ती थी। 6 मई को रिजल्ट आने को लेकर काफी खुश और देखने के लिए उत्सुक थी पर रिजल्ट में कम नंबर आने से वह मानसिक रूप से टूट गई थी और खुद को कमरे में बंद कर लिया था। परिजनों ने सोचा कि हो सकता है वह कुछ देर अकेले रहने के बाद शांत हो जाए। इसलिए वह अपने काम में लग गये लेकिन जब काफी समय हो गया और छात्र बाहर नहीं निकली तो उन्होंने दरवाजा खोल कर देखा लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। लड़की कमरे के अंदर फंदे पर लटकी थी।
उम्मीद टूटने से होता है तनाव
इसी तरह छतरपुर जिले के ही महाराजपुर कि एक छात्रा ने परीक्षा परिणाम में फेल होने के बाद कुएं में कूदकर जान दे दी। मृतक कि मां ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि उन्होंने कभी भी पढ़ाई और परीक्षा परिणाम को लेकर छात्रा के ऊपर दबाव नहीं डाला फिर भी जब उम्मीद पूरी नहीं होती तो बच्चों में तनाव तो होता ही है। उसने भी काफी मेहनत की थी पर फेल हो गई। इस तरह से मध्य प्रदेश में अब तक 3 से 4 छात्रों द्वारा आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। हायर सेकेंडरी स्कूल की एक छात्रा ने 10 वीं में फेल होने के बाद जहर खाकर अपनी जान दे दी।
मामले की जांच जारी है
शहर कोतवाली के टी.आई. अरविंद दागी ने बताया कि छात्रा ने 12 वीं की परीक्षा में असफल होने के कारण आत्महत्या की फिलहाल पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया है और मामले की जांच जारी है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल की अपील
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव कैदी त्रिपाठी ने खबर लहरिया से बात करते हुए छात्रों और उनके अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि परीक्षा परिणाम में असफल होना जीवन का अंत नहीं है। फेल हुए छात्र 17 जून को दुबारा परीक्षा देकर पास हो सकते हैं। इसके लिए वे 21 मई तक एमपी ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।
यह परीक्षा का अवसर उन छात्रों के लिए राहत देगा जिन्हें पहले पूरे साल का इंतजार करना पड़ता था। इससे छात्रों का साल भी नहीं बिगड़ेगा और उन्हें एक नई उम्मीद मिलेगी। इस लिए जो छात्र- छात्राएं जिस भी विषय से फेल हुए हैं या नंबर कम आने से परेशान हैं। वह दुबारा पेपर दे सकते हैं। आत्महत्या इसका सेलूसन नहीं है जिंदगी में परेशानी और अच्छे – बुरे दिन हमेशा आते हैं।
उनकी हर छात्र और अभिभावक से अपील है कि अगर परिणाम अच्छे नहीं आए तो घबराएं नहीं। जीवन में एक असफलता का मतलब अंत नहीं है। दोबारा प्रयास करें, क्योंकि एक बार पीछे हटना, सफलता की ओर पहला कदम होता है। इसलिए उनका सामना करना चाहिए और हौसले बुलंद रखना चाहिए।
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