खबर लहरिया National सीधी पेशाब कांड: गंभीर मामले में सियासी दांव खेलने में व्यस्त सरकार

सीधी पेशाब कांड: गंभीर मामले में सियासी दांव खेलने में व्यस्त सरकार

सीधी पेशाब कांड मामले में पीड़ित व्यक्ति को चारों तरफ से इस तरह का दबाव, प्रलोभन, बहला फुसलाया गया कि अब उन्होने आवेश और भोलेपन में आकर अपने बयान भी बदलने शुरू कर दिए हैं। यहां तक कि वह कह रहे हैं कि वायरल वीडियो को वह नहीं जानते। वह मेरा नहीं है। भला ऐसे कैसे हो सकता है जबकि 4 जुलाई 2023 को रात 9 बजकर 21 मिनट में प्रवेश शुक्ला के खिलाफ पुलिस थाना कुबरी में एफआईआर दर्ज है। इसमें सबसे बड़ा कारण आने वाला विधानसभा का चुनाव है।

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दशमत की पत्नी आशा बताती है कि वह उस दिन काम पर जाते हैं लेकिन घर वापस नहीं आते। उनकी पत्नी को दूसरे दिन पता चलता है कि पुलिस उनको ले गई। उन्होंने लगातार चार दिन तक पति की तलाश और वापसी की आस में रात की नींद और दिन का चैन खो दिया।

उनके और उनके तीन बच्चों का रो-रो के बुरा हाल रहा। दशमत रावत चार दिन के बाद जब घर लौटे तब पता चला कि उनको पुलिस ले गई थी। उनको नहीं बताया गया कि वह कहां ले जाए जा रहे हैं। सबसे हैरानी की बात तो यह लगी कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने उनके पैर धोए। माला पहनाई और पौधे लगवाए। उनसे सादे कागज में दस्तखत करवा लिए गए। दशमत रावत बहुत आहत और दुखी हैं।

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अब प्रशासन उनको हर तरह की सुविधा देने की कोशिश कर रहा है। 4 जुलाई से उनके घर में अधिकारियों, नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओ और पंचायत की सरकार का हुजूम लगा हुआ है। इतनी गाड़िया और मीडिया उनके यहां कभी नहीं दिखी। पूरा तमाशा बना के रख दिया है। उनके गांव को बदनाम कर दिया।

समाजवादी पार्टी, बीजेपी पार्टी, आजाद समाज पार्टी (भीम आर्मी) के लोग आये और ढाढ़स बंधा रहे हैं कि हर सम्भव मदद की जाएगी। सवाल है कि यह मदद पहले भी की जा सकती थी। मतलब कि जब लोगों के साथ ऐसी घटनाएं हों तभी सरकार की तरफ से मदद इंतज़ार क्यों किया जाता है।

 

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