खबर लहरिया Blog MP Maoist Surrender: 2 करोड़ 36 लाख के इनामी माओवादियों ने किया सरेंडर 

MP Maoist Surrender: 2 करोड़ 36 लाख के इनामी माओवादियों ने किया सरेंडर 

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में नक्सल विरोधी अभियान के तहत यहां कान्हा–भोरमदेव दलम से जुड़े 10 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने आत्मसमर्पण किया। इनमें 4 महिला नक्सली भी शामिल थीं। सरेंडर करने वाले इन नक्सलियों पर कुल 2 करोड़ 36 लाख रुपये का इनाम घोषित था।  

फोटो साभार: INDIA TV

 मीडिया रिपोर्टिंग के अनुसार इनमें सबसे बड़ा नाम केबी डिविजन के एसीएम कबीर का था जिस पर 77 लाख रुपये का इनाम था। इसी समूह में सुरेंद्र उर्फ कबीर नाम का 62 लाख का इनामी हार्डकोर नक्सली भी शामिल रहा। इन सभी पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सरकारों ने अलग-अलग इनाम रखा था।

राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही है और कई बड़े नक्सली या तो मारे गए हैं या आत्मसमर्पण कर रहे हैं लेकिन एक ही दिन में 10 इनामी नक्सलियों का समर्पण मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ है जिसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सरेंडर करने आए नक्सलियों को संविधान की प्रति सौंपकर उनका स्वागत किया और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का संदेश दिया। यह घटना बालाघाट जिले में नक्सल इतिहास की सबसे अहम घटनाओं में से एक मानी जा रही है।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की सूची 

– सुरेंद्र उर्फ कबीर उर्फ सोमा सोढी – उम्र 50 वर्ष – जिला सुकमा (छत्तीसगढ़)।


– राकेश ओडी उर्फ मनीष –  उम्र 42 वर्ष, जिला गढ़चिरौली (महाराष्ट्र)।


– लालसिंह मरावी उर्फ सींगा उर्फ प्रवीण – उम्र 30 वर्ष – जिला दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़)।


– शिल्पा नुप्पो – उम्र 26 वर्ष -जिला बीजापुर (छत्तीसगढ़)।


– सलीता उर्फ सावित्री अलावा – उम्र 26 वर्ष – जिला बीजापुर (छत्तीसगढ़)।


– नवीन नुप्पो उर्फ हिडमा – उम्र 30 वर्ष – जिला सुकमा (छत्तीसगढ़)।


– जयशीला उर्फ ललिता ओयम – उम्र 26 वर्ष – जिला बीजापुर (छत्तीसगढ़)।


– विक्रम उर्फ हिडमा वट्टी – उम्र 30 वर्ष – जिला सुकमा (छत्तीसगढ़)।


– जरिना उर्फ जोगी मुसाक – जिला बीजापुर (छत्तीसगढ़)।


– समर उर्फ समारू उर्फ राजू अतरम – उम्र 32 वर्ष – जिला बीजापुर (छत्तीसगढ़)।

तीन वर्षों में 2.17 करोड़ के इनामी 17 माओवादियों की मौत

मीडिया रिपोर्टिंग के मुताबिक़ पिछले दो महीनों में बालाघाट में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। इस अवधि में कुल 11 इनामी माओवादी जिन पर 2.81 करोड़ रुपये का इनाम था खुद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर चुके हैं। बीते तीन वर्षों में जिले में 2.17 करोड़ रुपये के इनाम वाले 17 माओवादियों की मौत हो चुकी है। पहले यहां माओवादियों के छह दलम सक्रिय माने जाते थे लेकिन लगातार कार्रवाई के बाद अब केवल एक दलम ही बचा है। नक्सल गतिविधियों को और कमज़ोर करने और अभियान को तेज़ करने के लिए इस साल जिले के अलग-अलग इलाकों में कुल नौ सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं। 

हथियारों को पुलिस को सौंपा गया 

आत्मसमर्पण के समय नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने कई हथियार भी जमा कराए। इनमें दो AK-47, दो INSAS रायफल, एक SLR, दो SSR, सात BGL सेल और चार वॉकी-टॉकी शामिल थे।

इन नक्सलियों के सरेंडर की प्रक्रिया में गुलाब उइके की अहम भूमिका रही। वे मुक्की रेंज के खापा बीट में बीट गार्ड के पद पर तैनात हैं। उन्हीं के जरिए नक्सलियों ने संपर्क किया और बाद में उन्हें आईजी संजय कुमार के पास लाया गया जहां आधिकारिक रूप से आत्मसमर्पण पूरा किया गया।

एसपी बोले – फोर्स का दबाव बढ़ा, नक्सली कमजोर हुए

जागरण की खबर अनुसार नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने बताया कि फोर्स लगातार दबाव बनाए हुए है जिसका असर अब साफ दिख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार की पुनर्वास से पुनर्जीवन योजना ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। एसपी के मुताबिक नक्सलियों को अब गांवों से पहले जैसा सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्होंने भरोसा जताया कि मार्च 2026 तक बालाघाट जिले को नक्सल समस्या से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा। फिलहाल इलाके में सिर्फ एक ही नक्सली समूह सक्रिय रह गया है।

 

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