सुनीता छत्तीसगढ़ के गोमवेटा भैरमगढ़, जिला बीजापुर की रहने वाली है। वह माओवादी संगठन में एसीएम (एक्शन टीम मेंबर) के पद पर थी और सेंट्रल कमेटी के कुख्यात सदस्य रामदेर की सुरक्षा गार्ड रह चुकी थी।
छत्तीसगढ़ से लगातार माओवादियों द्वारा सरेंडर (आत्मसमर्पण) की खबरें आ रही है। कुछ दिन पहले ही माओवादियों ने 200 की संख्या में सरेंडर किया था। छत्तीसगढ़ की रहने वाली महिला नक्सली सुनीता बीजापुर जिले के ग्राम गोमवेटा की रहने वाली है जिसने मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले की पितकोना पुलिस चौकी अंतर्गत चिलोरा कैंप में सरेंडर किया। सुनीता पर 14 लाख का इनाम भी है।
सुनीता का नक्सल संगठन में भूमिका
सुनीता छत्तीसगढ़ के गोमवेटा भैरमगढ़, जिला बीजापुर की रहने वाली है। वह माओवादी संगठन में एसीएम (एक्शन टीम मेंबर) के पद पर थी और सेंट्रल कमेटी के कुख्यात सदस्य रामदेर की सुरक्षा गार्ड रह चुकी थी। वह साल 2022 में माओवादी संगठन से जुड़ी थी। छह महीने तक प्रशिक्षण लेने के बाद उसने रामदेर की 11 सदस्यीय टीम के साथ एमएमसी जोन के दर्रेकसा क्षेत्र में काम शुरू किया। इस दौरान वह जीआरबी डिवीजन के मलाजखंड दर्रेकसा दल में सक्रिय रही।
मुख्यमंत्री मोहन यादव के बयान
इस बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी अपने एक्स पर पोस्ट करते हुए इस आत्मसमर्पण की प्रशंसा की। उन्होंने लिखा “1 नवंबर को बालाघाट जिले के लांजी थाने अंतर्गत चोरिया कैंप में 14 लाख की इनामी महिला नक्सली सुनीता ने हथियारों सहित आत्मसमर्पण किया। उससे बड़ी संख्या में हथियार व अन्य सामग्री बरामद की गई है। इस सफलता के लिए पुलिस बल प्रशंसा की पात्र है। अब जो कुछ नक्सली बचे हैं, वे आत्मसमर्पण करें या फिर पुलिस का सामना करने के लिए तैयार रहें।”
14 लाख रुपए की इनामी नक्सली सुनीता ने आज बालाघाट में आत्मसमर्पण कर दिया है। उससे बड़ी संख्या में हथियार व अन्य सामग्री बरामद की गई है।
इस सफलता के लिए पुलिस बल प्रशंसा की पात्र है। अब जो कुछ नक्सली बचे हैं, वे आत्मसमर्पण करें या फिर पुलिस का सामना करने के लिए तैयार रहें। pic.twitter.com/JJJGSKWtlL
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 2, 2025
News18 के खबर अनुसार पुलिस ने दो 2 नवंबर 2025 को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि लांजी थाना क्षेत्र के चौरिया कैंप में हार्डकोर सशस्त्र नक्सली सुनीता ओयाम ने सरेंडर किया है। बताया जाता है कि उसके पिता भी पूर्व नक्सली थे। सुनीता मलाजखंड दर्रेकसा दलम में एसीएम यानी एरिया कमेटी मेंबर के पोस्ट पर थी। वह इंसास रायफल के साथ सशस्त्र नक्सली संगठन में बालाघाट, गोंदिया और राजनांदगांव डिवीजन में सक्रिय थी।
आत्मसमर्पण नीति के तहत सुनीता को आर्थिक मदद
मीडिया चैनलों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार आत्मसमर्पण नीति के तहत सुनीता को तुरंत 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी गई। इसके अलावा इंसास राइफल के लिए साढ़े तीन लाख रुपये और तीन मैगजीन के लिए दस हजार रुपये का इनाम दिया गया है। इस तरह कुल मिलाकर उसे 4 लाख 10 हजार रुपये का इनाम मिला है।
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