खबर लहरिया Blog MP Khandwa: हैवानियत की हद पार, आदिवासी महिला के साथ गैंगरेप के बाद हत्या, बच्चादानी फेंकी बाहर

MP Khandwa: हैवानियत की हद पार, आदिवासी महिला के साथ गैंगरेप के बाद हत्या, बच्चादानी फेंकी बाहर

मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में दरिंदो ने पहले महिला का सामूहिक बलात्कार किया और फिर बच्चेदानी (यूट्रस) को बाहर निकालकर फेंक दिया। जब तक पुलिस मदद के साथ घटनास्थल पर पहुंची महिला की मौत हो चुकी थी। 

पुलिस चौकी जहां महिला का रिपोर्ट दर्ज किया गया (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

लेखन – रचना 

घटना का विवरण

 दिनांक: 25 मई 2025 को एक 45 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में सामूहिक बलात्कार और हत्या की गम्भीर घटना सामने आई है जिसने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। खंडवा के हरसूद तहसील क्षेत्र में जहां पीड़िता एक शादी समारोह से लौट रही थी। तभी रास्ते में ही दो लोगों ने उन्हें निशाना बनाया। पुलिस के अनुसार, महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए लोहे की छड़ (सरिया) से उसकी बच्चेदानी बाहर निकाल दी गई। घटना स्थल से जो तस्वीरें और विवरण सामने आए हैं वे रूह कंपा देने वाले हैं। महिला का शव नग्न अवस्था में मिला। पुलिस ने बताया की महिला के दो बच्चे हैं। दोनों आरोपी हरि पालवी और सुनील ध्रुवे महिला के परिचित हैं। 25 मई को सभी एक शादी समारोह में शामिल हुए थे। इसके बाद महिला हरि के साथ उसके घर पहुंची। दोनों आरोपी ने वहीं साथ शराब पी। उसके बाद दोनों ने महिला के साथ दरिंदगी की।

पड़ोस में बेहोशी के हालत में मिली थी महिला 

जागरण के रिपोर्ट के अनुसार रौशनी चौकी प्रभारी सुषा परते ने बताया कि महिला की मौत दोपहर करीब दो बजे हुई। वह बेहोशी की हालत में पड़ोसी महिला के घर के आंगन में मिली थी। पड़ोसी महिला ने बताया कि वह घबराते हुए आई और कह रही थी कि मुझे चक्कर आ रहा है। मैं जमीन पर आराम करना चाहती हूं। इधर उनके दोनों बच्चे उन्हें ढूंढ रहे थे। पड़ोसी महिला ने उन्हें बताया कि उनकी मां उसके घर पर ही है। बेटों के घर पहुंचने पर महिला बेहोश थी। कुछ देर बाद होश आने पर उसने अपने साथ गलत काम होने की घटना बताई जिसके बाद परिजन ने पुलिस को सूचित किया। महिला को अस्पताल लाया गया लेकिन रास्ते पर ही उन्होंने दम तोड़ दिया।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने खोली दरिंदगी की परतें

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह सामने आया कि महिला के शरीर में गंभीर आंतरिक चोटें आई थीं। खंडवा जिला अस्पताल में सामूहिक बलात्कार पीड़िता का शव पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। शव की हालत देखकर डॉक्टर भी घबरा गए। पोस्टमार्टम के बाद उन्होंने बताया कि पीड़िता की बच्चेदानी ही नहीं थीआंत का 50 प्रतिशत हिस्सा शरीर से बाहर खींच लिया गया था। महिला के शरीर से अत्यधिक खून बह चुका था जिससे उसकी मृत्यु हो गई। 

पुलिस के द्वारा की गई कार्यवाही 

पुलिस ने दोनों आरोपी हरि और सुनील को हिरासत में ले लिया है। परिजन के बयान के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप और हत्या की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस दोनों आरोपियों को वारदात स्थल पर ले गई और वहां किस तरह से घटना को अंजाम दिया गया, पुलिस ने उनके मौजूदगी पर ही इस घटना की जांच पड़ताल की। खंडवा एसपी मनोज कुमार राय के द्वारा बताया गया कि आरोपी और मृतक महिला के कपड़े और घटनास्थल से जो चीजें जब्त हुए थे उसे एफएसएल  ( एफएसएल जांच एक वैज्ञानिक जांच है, यह अपराधों की साक्ष्य की जांच करने के लिए की जाती है, तथा यह जांच अक्सर तब होती है जब किसी अपराध में कोई वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्धता होता है, जैसे- कि डीएनए,बाल,रक्त या अन्य जैविक पदार्थ ) जांच के लिए भेजा जा रहा है। रिपोर्ट आने पर दोनों अपराधियों को कोर्ट से जल्द सजा दिलाई जाएगी।

 राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और विरोध प्रदर्शन

घटना के बाद प्रदेश भर में आक्रोश फैल गया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने शिवराज सरकार (अब मोहन यादव सरकार) पर महिला सुरक्षा को लेकर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता अरुण यादव और महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल ने राजधानी भोपाल में विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की। इसी के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर ट्वीट करते हुए लिखा है – “खंडवा में एक महिला की गैंगरेप के बाद मौत हो गई है! बेहोशी की हालत में उसे तेज ब्लीडिंग हो रही थी। बताया जा रहा है दरिंदे ने निजी अंग में सरिया या लकड़ी जैसा कुछ डाला, इससे बच्चादानी ही बाहर निकल गई! बर्बर अत्याचार की इस हद ने ‘आदिम युग के जंगलराज’ को भी पीछे छोड़ दिया है! दुस्साहस की ऐसी पराकाष्ठा तभी हो सकती है जब प्रदेश में कानून का डर खत्म हो गया हो। लाड़लियों के उत्पीड़न की इस इंतहा पर भी सरकार चुप है।” 

यह घटना न केवल खंडवा जिले ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के लिए एक चेतावनी है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन से यह अपेक्षा की जाती है कि वे इस मामले में शीघ्र और न्यायपूर्ण कार्रवाई करें ताकि दोषियों को कड़ी सजा मिल सके और समाज में महिलाओं के प्रति सुरक्षा की भावना मजबूत हो। यह घटना न केवल महिला सुरक्षा की गंभीर स्थिति को उजागर नहीं करती है, बल्कि समाज में व्याप्त असुरक्षा की भावना को भी सामने लाती है। वर्तमान में इस घटना को कुछ हद तक दिल्ली के निर्भया कांड से जोड़कर देखा जा रहा है।

 

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