छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीख आई गई है, जिसमें छत्तीसगढ़ में 12 और 20 नवंबर में दो चरणों में चुनाव होगा। वहीं मध्यप्रदेश और मिजोरम में 28 नवंबर, राजस्थान और तेलंगाना में 7 दिसम्बर को होंगे। इन चुनावों का परिणाम 11 दिसम्बर को आएगा। नक्सल प्रभावित प्रदेश छत्तीसगढ़ में 12 नवंबर को हुए चुनाव में 70 प्रतिशत चुनाव हुआ। हालांकि नक्सवादियों ने हर बार की तरह इस बार भी चुनाव का बहिष्कार किया।
छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 18 सीटों पर मतदान हो गए हैं, जबकि दूसरे चरण की 72 सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होगा। भाजपा शासित ये प्रदेश रमन सिंह के नेतृत्व में चौथी बार चुनाव लड़ रहा हैं, तो वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी बहुजन समाज पार्टी और भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैं। दूसरे चरण की तारीख पास आते हुए उन्होंने समर्थन नहीं मिलने की स्थिति में भाजपा के साथ हाथ मिलाने की संभावनाओं हवा दे दी।
वहीं मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को 230 सीटों पर चुनाव होंगे। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री के लिए मैदान में हैं। इस बार मुख्यमंत्री की राह कितनी आसान नहीं हैं क्योंकि व्यापमं घोटाले का भूत मुख्यमंत्री के सिर पर हैं। कांग्रेस की तरफ से ज्योतिराज सिंधिया और कमलनाथ चुनाव की कमान तो संभाल रहे हैं, पर कांग्रेस के तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा साफ नहीं करने के कारण भाजपा उसे आड़े हाथों ले रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव जीतने के लिए पहले ही हिन्दू दांव खेलकर गाय के लिए मंत्रालय और गाय को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए गौ- एक्सप्रेस ट्रे चलाने की बात कह दी है।
राजस्थान की 200 सीटों के लिए 7 दिसम्बर को चुनाव होने हैं। वसुन्धरा राजे सिंधिया जो वर्तमान मुख्यमंत्री है, उनके शासन के पांच साल उनकी खुद के मंत्रिमंडल विवादों के कारण चर्च में रही। वहीं भाजपा के साथ उनके संबध देखे, तो पार्टी के कई नेता उन्हें पसंद नहीं करते, लेकिन चुनाव जीतने के उनके सर्मथकों को नजरांदाज भी नहीं कर सकते हैं। कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मुख्यमंत्री बनने की खींचतान अभी से दिख रही हैं, हालांकि कांग्रेस आला कमान ने दोनों नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट देकर अभी इस विवाद को खत्म करके की कोशिश की है।
नये बने राज्य तेलंगाना की 119 सीटों पर चुनाव 7 दिसम्बर को और मिजोरम की 40 सीटों में 28 नवंबर को चुनाव होने हैं। तेलंगाना में होने वाले चुनावों में भाजपा को नुकसान हो सकता हैं , क्यांकि मुख्यमंत्री चन्द्रशेखर रेड्डी ने विधानसभा भाजपा के साथ मतभेद होने के कारण ही भंग की थी। वहीं कांग्रेस शासित राज्य मिजोरम में अभी चुनावी हलचल दिख नहीं रही हैं। देश के उत्तर पूर्वी राज्यों को राजनीति में वैसे भी कभी बहुत महत्व नहीं मिला हैं।
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