मध्यप्रदेश चुनाव में इस बार सभी पार्टियों के बीच एक कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। खासकर के भाजपा और कांग्रेस पार्टी में इस बार कौन ज्यादा आगे बढेगा, ये अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुआ है। हालाँकि, पीटीआई की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बार शिवराज सिंह चौहान की भाजपा सरकार के नौ मंत्री इन चुनावों में कुछ पीछे छुटते नज़र आ रहे हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में एसपी ने कांग्रेस को समर्थन देने का वादा किया ऐसा इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में बताया गया है।
वहीँ इन चुनावों को लेकर मायावती का कहना है कि यदि बीएसपी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में उभरकर आती है, तो पार्टी यूपी में अपनी राजनीतिक हित को देखते हुए एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी भूमिका निभाएगी।
भाजपा राज्यसभा सांसद संजय काकाडे का कहना है कि “मुझे पता था कि हम राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हार जाएंगे, लेकिन मध्य प्रदेश चनाव के परिणाम से हम थोड़े आश्चर्यचकित हुए हैं। मुझे लगता है कि मोदी जी, 2014 में उठाए गए विकास के मुद्दे को भूल गए हैं। राम मंदिर, मूर्तियों और नाम बदलने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया है”।
“जैसे-जैसे वोटों की गिनती की जा रही है वैसे ही पांच राज्यों में चुनाव का नतीजा भाजपा को स्पष्ट संदेश देता है कि सत्तारूढ़ गठबंधन को आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है”। शिवसेना के प्रवक्ता और पार्टी के राज्यसभा के सांसद संजय राउत का कहना है कि मध्यप्रदेश चुनाव ये दर्शाते हैं कि बीजेपी के विजय रथ को रोक दिया गया है।
इंडिया टुडे के अनुसार, कांग्रेस 111 सीटों से आगे बढ़ रही है जबकि बीजेपी 107 से आगे बढ़ रही है, वहीँ अन्य पार्टियों की 12 में अग्रणी देखी गई है। सीएनएन न्यूज़ 18 और दैनिक भास्कर का दावा है कि कांग्रेस ने 108 सीटों पर नेतृत्व किया है जबकि बीजेपी 114 में आगे बढ़ रही है।