तीन बेटियों की माँ शाहाना नूरी को उसके पति और ससुरालवालों ने सिर्फ इस कारण ताने दिए और परेशान किया क्योंकि उसने बेटियों को जन्म दिया। यहां तक कि उसे तलाक की धमकी भी दी गई।
रिपोर्ट – अलीमा, लेखन – सुचित्रा
आज भी हमारे समाज में बेटा पैदा होने पर खुशियाँ मनाई जाती हैं तो साथ ही मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं। इसके बिलकुल विपरीत जब किसी घर में बेटी जन्म लेती है, तो वह उदासी छा जाती है लोग अफ़सोस जताने लगते हैं। महिला को भी ताने सुनने पड़ते हैं कि आखिर उसने बेटी को जन्म दिया क्यों?
ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर से सामने आया। जहां तीन बेटियों की माँ शाहाना नूरी को उसके पति और ससुरालवालों ने सिर्फ इस कारण ताने दिए और परेशान किया क्योंकि उसने बेटियों को जन्म दिया। यहां तक कि उसे तलाक की धमकी भी दी गई।
जन्म देने की प्रक्रिया समान तो बेटा बेटी में फर्क क्यों?
ऐसे तो बेटा और बेटी दोनों को जन्म देने की प्रक्रिया एक ही होती है। महिला बेटा भी पैदा करती है और बेटी भी, फिर भी जब बेटा होता है तो उसे सर आंखों पर बिठाया जाता है। वहीं दूसरी ओर बेटी होने पर ताने और तिरस्कार मिलता है। यह सोच आज भी लोगों के अंदर गहराई तक जमी हुई है।
पूरा मामला
छतरपुर जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र की रहने वाली शाहाना नूरी जिनकी उम्र 28 वर्ष है। उन्होंने बताया कि उसकी शादी साल 2018 में मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार बमनौर गांव निवासी सहवाज अली से हुई थी। शादी बड़े ही धूमधाम से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद उसकी पहली बेटी का जन्म हुआ, तब से ही पति और ससुराल वाले उसे ताने मरते हैं। जब दूसरी बेटी हुई, तो उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया गया और तीसरी बेटी के जन्म पर पति ने बच्ची को किसी और को देने की बात तक कही।
बेटी होने पर दिया तलाक
इसका विरोध करने पर शाहाना के पति ने उसे तीन बार “तलाक” कहकर तलाक दे दिया। शाहाना की माँ, नूरी बेगम ने बताया कि उनकी बेटी को ससुराल में लगातार प्रताड़ित किया गया। बार-बार कहा गया कि “तुमने सिर्फ बेटियाँ ही क्यों पैदा कीं, बेटा क्यों नहीं हुआ?” जब बात बहुत बढ़ गई तो पति ने तलाक दे दिया। परिवार ने पुलिस से भी शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।
पुलिस की प्रतिक्रिया
इस मामले पर एडिशनल एसपी विदिता डांगर ने जानकारी दी कि 23 अप्रैल को एक आवेदन प्राप्त हुआ था, जिसमें बताया गया कि शाहाना को बेटियाँ होने के कारण प्रताड़ित किया जा रहा है और दहेज की भी माँग की गई थी। मामला संज्ञान में लिया गया है और दोनों पक्षों से बात कर मामले की गहराई से जाँच की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
सवाल करने पर कि दो महीनों से ज्यादा आवेदन दिए हुए हो गए, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हई? तो जवाब में यही मिला की जाँच चल रही है।
जो समाज देवी को पूजता है वही समाज को बोझ समझता है। ऐसे मामलों से यह साफ हो जाता है कि आज भी महिलाओं को सिर्फ इसलिए प्रताड़ित किया जाता है क्योंकि उन्होंने बेटी को जन्म दिया। जबकि वैज्ञानिक रूप से भी यह सिद्ध है कि संतान का लिंग पुरुष के गुणसूत्र पर निर्भर करता है, न कि महिला पर।
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