छतरपुर जिले में कुछ महिलाएं झाड़ू बनाती हैं और उसी से उनके बच्चों का पालन-पोषण होता है। महिलाओं का कहना है वोट सब लेते हैं लेकिन काम कोई नहीं करता। झाड़ू बेचकर हमारा बेटा कलेक्टर बनेगा। अभी पाँव में जूते नहीं हैं कल सूट-बूट होगा।
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