खबर लहरिया Blog Monkeypox in India: हरियाणा में मंकीपॉक्स वायरस का पहला मामला

Monkeypox in India: हरियाणा में मंकीपॉक्स वायरस का पहला मामला

मंकीपॉक्स वायरस भारत के हरियाणा राज्य के व्यक्ति में पाया गया है जिसक पहला मामला रविवार 8 सितम्बर 2024 को सामने आया है। इसकी सूचना स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी। मंकीपॉक्स वायरस हरियाणा के हिसार के 26 वर्षीय व्यक्ति में पाया गया, जो विदेश से यात्रा करके भारत लौटा था। मरीज में पश्चिम अफ्रीकी क्लेड 2 मंकीपॉक्स वायरस पाया गया जोकि क्लेड 1 से कम घातक है। यह वायरस अफ्रीका में बड़ी तेजी से फैल रहा है और अन्य देशों पर भी इसका प्रभाव हो रहा है।

मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के हाथ की तस्वीर जिसके हाथों पर संक्रमण के बाद फफोले आ गए हैं (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

एमपॉक्स (Mpox), जिसे मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। यह मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है। क्लेड 1बी जो मंकीपॉक्स का एक प्रकार है। यह पहली बार सितंबर 2023 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो देश में पाया गया था। डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो अफ्रीका महाद्वीप के मध्य में स्थित देश है। क्लेड 1 बी के मामले बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा देश में पाए गए लेकिन उनका पहले पता नहीं चल पाया था, बाद में वह एशिया और यूरोप देश में पाए गए। अब इस वायरस को भारत के हरियाणा के व्यक्ति में पाया गया है। हरियाणा के व्यक्ति की मेडिकल जाँच की गई जिसका परिणाम विशेष रूप से पश्चिमी अफ्रीकी क्लेड 2 पोस्टिव आया। उसे दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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मंकीपॉक्स वायरस के प्रकार

यह दो प्रकार के होते हैं, जिन्हें क्लेड 1 और क्लेड 2 के नाम से जाना जाता है।

सी.डी.सी. (रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र) की रिपोर्ट के अनुसार

क्लेड 1 सबसे ज्यादा घातक है जिसका प्रभाव अफ्रीका के मध्य और पूर्वी इलाकों में सबसे बुरा पड़ा है। यह गंभीर बीमारियों का कारण बना चुका है। इससे लगभग 10% लोग मारे गए।

क्लेड 2 साल 2022 में पूरे विश्व स्तर पर फैल गया था। संक्रमित लोग आम तौर पर कम गंभीर होते थे। तब 99.9% से ज्यादा लोग बच जाते थे क्योंकि यह पहले यानी क्लेड 1 से कम घातक होता था।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाई अलर्ट किया जारी

यह वायरस तेजी से फैलने के कारण डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और अन्य इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया।

मंकीपॉक्स के लक्षण/ Monkeypox Symptoms

मंकीपॉक्स के मरीजों में बुखार, खांसी, उल्टी, शरीर पर लाल रंग के दाने दिखाई देने लगते हैं। कुछ लोगों को मलाशय (प्रोक्टाइटिस) के अंदर सूजन हो जाती है जिससे तेज दर्द हो सकता है, साथ ही जननांगों में सूजन आ सकती है जिससे पेशाब करने में कठिनाई हो सकती है।

मंकीपॉक्स कैसे फैलता है? / How monkeypox spreads?

मंकीपॉक्स वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के घावों, फोड़ा से निकलने वाले गंदे पानी या उससे बहने वाले मवाद को छूने से फैलता है। उदाहरण के लिए यदि आपके शरीर में घाव/फुंसी हो और आप ने उसे खुजला दिया या छू लिया। छूने के बाद उसी हाथ से किसी अन्य वस्तु को छू दिया तो इससे संक्रमण फैल सकता है।

संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुए गए कपड़े, बिस्तर, बर्तन या अन्य वस्तुओं के संपर्क में आने से फैलता है।

गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के समय संक्रमित मां से बच्चे में यह वायरस फैल सकता है।

यौन संबंध के दौरान भी यह वायरस फैल सकता है।

मंकीपॉक्स से बचाव के लिए यह करें/ Prevention from Monkeypox

संक्रमित व्यक्ति से जितना हो सके उतनी दूरी बनाए रखें।

बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं, खासकर किसी संक्रमित व्यक्ति या वस्तु को छूने के बाद।

संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं जैसे कि बिस्तर, कपड़े, बर्तन आदि को न छुएं।

संक्रमित व्यक्ति के पास जा रहे हैं तो अपनी त्वचा को ढंक कर रखें।

अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ यौन संबंध बना रहे हैं जिसे मंकीपॉक्स हो सकता है, तो सुरक्षित यौन व्यवहार का पालन करें।

अगर आपको मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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