महोबा जिले के जांत, चकिया और सिलबट्टा बनाने वाले कारीगर अब मायूस हो रहे हैं। उनका कहना है कि पहले उनके बनाए हुए जांत, चकिया और सिलबट्टा की बहुत मांग थी, लेकिन अब मशीनों के आने से उनका काम कम होता जा रहा है।
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