मिजोरम विधानसभा चुनाव के नतीजे भी अब साफ़ दिखाई पड़ रहे हैं। वोटों की गिनती से ये बताया जा सकता है कि इस बार मिजोरम में एमएनएफ ही भारी बहुमत हासिल करके वहां सरकार बनाएगी।
कांग्रेस के मुख्यमंत्री पी. ललथनहवला चंफाई साउथ और सेरछिप दोनों सीटों से चुनाव हार गए हैं।
हालाँकि वोटों की गिनती अभी जारी है लेकिन ये स्पष्ट हो गया है कि एमएनएफ 10 साल के बाद फिर से सत्ता हासिल करेगी। सूत्रों के अनुसार, एमएनएफ अभी 26 सीटों से आगे हैं। वहीँ कांग्रेस केवल 5 सीटों से ही आगे चल रही है।
मिजोरम में MNF कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटकर और नाच-गाकर जश्न मनाना शुरू कर दिया है।
मिजो नैशनल फ्रंट के 40 प्रत्याशी इस बार मैदान में उतारे गए थे। बीजेपी के 39 और नैशनल पीपल्स पार्टी के 9 उम्मीदवार चुनाव में अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं। मिजोरम में इस बार 75 फीसदी मतदान हुए हैं।
मिजोरम में 1998 से 2008 तक नैशनल फ्रंट के लीडर पु. जोरमथंगा की सरकार थी। 1987 में विधायक चुन कर आए जोरम थंगा पहली बार ही राज्य में शिक्षा एवं वित्त मंत्री बने थे। राज्य में बहुमत हासिल करने के लिए 21 सीटें मिलना जरूरी है। मिजोरम में कुल 209 प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं। अभी मिजोरम में कांग्रेस के पास 34 विधायक हैं। 2013 के चुनाव में मिजो पीपल्स पार्टी को मात्र 5 सीटों पर जीत दर्ज हुई थी।