बुलंद हौसला और सच्ची लगन इंसान को बड़े से बड़े ओहदे तक ले जा सकती है। इसी मिसाल का उदाहरण हैं साहिबा खातून, साहिबा खातून की लम्बाई 3 फिट है और वह 17 साल की हैं लेकिन बाकी लड़कियों के लिए मिशाल बन चुकी है क्योंकि इनकी जिंदगी आम लोगों की तरह नहीं है फिर भी तमाम कठिनाइयों के बावजूद किसी काम से पीछे नहीं हटती। हमारी खास सीरीज़ ‘कोशिश से कामयाबी’ तक में आज हम साहिबा खातून से मिलवाएंगे जिन्होंने अपने कद को कभी भी आड़े नहीं आने दिया।
ये भी देखें – महिलाएं जब राजनीति में उतरती हैं तो वह राजनीति की परिभाषा बदल देती हैं, निर्मला भारती की तरह
ये भी देखें – बॉलीवुड में कैमरा के पीछे महिलाओं का सफर
साहिबा खातून की ये कहानी सिखाती है कि इंसान की पहचान उसके कद से नहीं, काबिलियत से होती है। वही कोशिश से कामयाबी तक का सफर तय करते हैं। भले की साहिबा को सरकारी नौकरी नहीं मिली लेकिन वह लड़कियों को उर्दू पढ़ाकर अपना बच्चों को पढ़ाने का सपना पूरा कर रही हैं।
ये भी देखें – जब जीत दिलाने में महिलाओं का अहम रोल तो मंत्रिमंडल में उनकी संख्या कम क्यों?
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें