टीकमगढ़ ज़िले के मोहनगढ़ गाँव की रहने वाली सरोज प्रजापति ने साल 2010 में अपने गायकी के शौक को अपना पेशा बनाने की ठानी। उन्होंने पहले संगीत की ट्रेनिंग ली और उसके बाद छोटे-मोटे आयोजनों में गाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे लोग उन्हें उनकी गायकी की वजह से पहचानने लगे और वो पूरे बुंदेलखंड में मशहूर हो गयीं। वो शादियों के फंक्शन से लेकर अन्य लोक-गीत कार्यक्रमों में अब लोक गीत, शादी से जुड़े गीत गाती हैं जिसके लिए उन्हें 5-6 हज़ार रूपए भी मिल जाते हैं। सरोज प्रोग्राम करने देश के कई अन्य राज्यों में जाया करती हैं और उन्हें अपने संगीत के इस हुनर को दुनिया के सामने पेश करना बहुत पसंद है। तो चलिए मिलते हैं सरोज से और जानते हैं उनका संगीत का सफर।
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