मेरठ के पचपेड़ा गाँव में पुलिस गिरफतारी को लेकर सभी हुए फरार। बताया जा रहा है कि शादी से लौट रहे परिवार को रस्ते में पचपेड़ा गाँव के कुछ लोगों ने लूट कर खूब मारा-पीटा था। जिसके चलते भाजपा नेताओं और कुछ हिंदू संगठनों की अगुवाई की एक भीड़ द्वारा भवानपुर पुलिस स्टेशन की घेराबंदी कर इस मामले में न्याय की मांग की गई है।
भीड़ द्वारा मामले की जांच में दबाव बनाने के बाद पुलिस ने आगे बढ़ते हुए कुछ नौ लोगों को गिरफतार कर लिया है। जिसमे एक समाजवादी पार्टी के नेता और उनके बेटे को भी हिरासत में ले लिया गया है।
पुलिस द्वारा चार टीमों का गठन किया गया है और एफआईआर में लगभग 60 अन्य “अज्ञात व्यक्तियों” को पकड़ने के लिए 10,000 रुपये तक का इनाम भी रखा गया है।
ये हादसा रविवार की रात को हुआ जहाँ शादी से लौट रहे एक परिवार पर हमला कर दिया गया था। जब दुल्हन सहित पूरा परिवार मेरठ के अलीपुर गाँव में उसके माता-पिता के घर से बागपत में अपने पैतृक नांगल गाँव लौट रहे थे, तो उन्होंने दुल्हन का स्वस्थ्य ठीक न होने के कारण गाड़ी रस्ते में ही रोक दी थी। पचपेड़ा गॉंव में गाड़ी रोकने के कारण उन पर वहीँ हमला कर दिया गया था।
दुल्हन के भाई द्वारा दर्ज की गई एक ऍफ़आईआर के अनुसार, उनकी गाड़ियाँ तुरंत पचपेड़ा गॉंव के कुछ लोगों द्वारा घेर ली गई थी।
जहाँ उनके गहने लूटकर, चाकुओं और लाठियों से हमला किया गया था। दूल्हा और दुल्हन सहित कुछ छह लोग घायल भी हो गए थे।
पुलिस द्वारा कड़ी जाँच कर गिरफ्तारी को लेकर, मंगलवार की दोपहर पचपेड़ा में एक भयानक सन्नाटा-सा छा गया था। सारी दुकानें बंद और डर के मारे लोग घर छोड़कर भाग रहे थे।
गिरफ्तार किए गए लोगों में सपा नेता आरिफ चौहान भी शामिल हैं, जो एक तम्बू का कारोबार करते हैं और सपा के एक पूर्व मंत्री का विश्वासपात्र है, और 30 वर्षीय उनका पुत्र शादाब भी इसमें शामिल है। वहीँ 27 वर्षीय उनका दूसरा पुत्र शहबाज़ अभी फरार बताया जा रहा है।
गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में खालिद, फारूक, इमरान, रिजवान, यूसुफ, जिया उल हक और शहाणे आलम शामिल हैं। एक नाबालिग को भी पकड़कर किशोर गृह भेज दिया गया है।
किठौर के बीजेपी विधायक, सत्यवीर त्यागी, जिन्होंने सोमवार शाम मेरठ के अलीपुर आलमपुर में अपने गांव में दुल्हन के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, उन्हें आश्वासन दिया कि हमले के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के साथ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही में त्यागी ने ये भी बताया कि “हमले की योजना बनाई गई थी और इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार को बदनाम करना था। यह घटना उन लोगों द्वारा की गई जो हमारी सरकार द्वारा गौहत्या और गाय के मांस की तस्करी के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं, साथ ही आपराधिक तत्वों, ऑटो-लिफ्टरों और अवैध हथियारों की तस्करी में भी शामिल हैं”।
ऐसे में मेरठ इकाई के प्रमुख राजपाल सिंह का कहना है कि “हम घटना के बारे में तथ्य एकत्र कर रहे हैं और यह भी कि क्या आरिफ और उसके बेटे निंदनीय कृत्य में शामिल थे। अगर यह सही पाया जाता है तो हम पार्टी आलाकमान को एक रिपोर्ट भी भेजेंगे”।
भवानपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी उधम सिंह के अनुसार पचपेड़ा गाँव में एक बड़े पैमाने पर आपराधियों का शिकार कर उन्हें गिरफतार किया जा रहा है। साथ ही में आईपीसी की धारा 395 (डकैती), 147 (दंगा करना), 149 (अपराध का गैरकानूनी विधानसभा दोषी), 504 (जानबूझकर अपमान) और 294 (सार्वजनिक रूप से अश्लील कृत्यों या शब्दों के लिए सजा) के तहत ऍफ़आईआर दर्ज कर ली गई है।