डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मारबर्ग वायरस इंसानों में फल खाने वाले चमगादड़ों से फैलता है। मारबर्ग वायरस का इंसान से इंसान में संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्तियों के खून और/या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के सीधे संपर्क में आने से होता है।
डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि वायरस का कागेरा क्षेत्र में फैलने का ख़तरा सबसे ज़्यादा है। ऐसा इसलिए क्योंकि कागेरा क्षेत्र एक ट्रांजिट हब यानि आवागमन केंद्र है, जहां यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है। यहां डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, उगांडा, बुरुंडी और रवांडा के बीच बहुत आवाजाही होती है।
डॉ. टेड्रोस ने X पर बताया कि, “हम इस समय तंजानिया के साथ यात्रा या व्यापार करने की कोई सलाह नहीं देते हैं।”
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि मारबर्ग वायरस से वैश्विक तौर पर होने वाला जोखिम ‘कम’ है। वहीं इस चरण में वायरस के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलने का कोई खतरा नहीं है।
किससे फैलता है मारबर्ग वायरस?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मारबर्ग वायरस इंसानों में फल खाने वाले चमगादड़ों से फैलता है। मारबर्ग वायरस का इंसान से इंसान में संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्तियों के खून और/या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के सीधे संपर्क में आने से होता है।
अगर मारबर्ग वायरस से संक्रमित व्यक्ति का इलाज नहीं होता तो संक्रमित लोगों में से 88 प्रतिशत लोगों की मौत हो सकती है।
जानकारी के अनुसार, इस वायरस का कोई विशेष इलाज या वैक्सीनेशन नहीं है, हालांकि इसके इलाज के लिए परीक्षण चल रहे हैं।
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